लोकतंत्र वहीं पनपता है, वहीं परिपक्व होता है जहां आलोचना के स्वरों का सम्मान होता है. सत्ता की आलोचना करना देश का विरोध करना नहीं होता है. आलोचना वह जरूरी तत्व है जिसके बगैर लोकतंत्र के मजबूत बने रहने की कल्पना हम कर ही नहीं सकते. हम सौभाग्यशाली हैं ...
भारत में विमान यात्रा के दौरान कई बार यात्रियों द्वारा अभद्र व्यवहार किये जाने की घटनाएं सामने आ रही हैं। आंकड़े के अनुसार पिछले एक साल में 63 यात्रियों को अभद्र व्यवहार के लिए ‘नो फ्लाई लिस्ट’ में रखा जा चुका है। इनमें पेशाब करने की दो घटनाएं भी शाम ...
स्वास्थ्य पर केंद्र के आंकड़ों पर गौर करें तो हिंदुस्तान में करीब ढाई लाख सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं जिनमें 750 जिला अस्पताल और 550 मेडिकल कॉलेजों का नेटवर्क है। बावजूद इसके भारी कमी महसूस होती है। ...
आपको राष्ट्रीय राजधानी में सिविल लाइंस मेट्रो स्टेशन पर उतरने के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल के सरकारी आवास राज निवास में पैदल पहुंचने में पांच मिनट से ज्यादा नहीं लगते. राज निवास के साथ खड़ी इमारत को पहली नजर में देखने में समझ आने लगता है कि ये अपने अं ...
भारत के लिए जरूरी है कि वह पड़ोसियों की राष्ट्रीय दुविधाओं और चिंताओं का ख्याल करे. यही लंबे और टिकाऊ रिश्तों के लिए जरूरी है. इसमें चूक होने पर चीन इसका फायदा उठाने के लिए तैयार बैठा है. ...
उदाहरण के लिए सऊदी अरब जिसमें तानाशाही व्यवस्था है उसे तीसरे स्थान पर, यूक्रेन जो युद्ध में बर्बाद हो चुका है उसे 92वें स्थान पर, तुर्की जो महंगाई के कारण टूट चुका है उसे 106वें स्थान पर, दुनिया के सामने भीख का कटोरा लिए खड़े पाकिस्तान को 108वें स्था ...
मल्लिकार्जुन खड़गे को पिछले साल गांधी परिवार ही कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में लेकर सामने आई उन्हें राज्यसभा में विपक्ष का नेता बने रहने की अनुमति भी दी. माना जा रहा है कि अगर खड़गे का नाम आगे बढ़ता है तो विपक्षी दलों के लिए उनका विरोध करना मुश्किल हो स ...
अभी महीने भर पहले भी हेट स्पीच से भरे टॉक शो और रिपोर्ट प्रसारित करने पर टीवी चैनलों को जमकर फटकार लगी। साल भर नहीं हुए कि दूसरी बार इसी 29 मार्च को सुप्रीम कोर्ट द्वारा हेट स्पीच के मामलों में त्वरित कार्रवाई करने में राज्यों की विफलता पर चिंता जतान ...
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने हाल में ‘लोकमत नेशनल मीडिया कॉन्क्लेव’ में कहा था कि नाभा जेल से छुटकारा पाने के लिए जवाहर लाल नेहरू ने ब्रिटिशों से माफी मांगी थी. वरिष्ठ पत्रकार सुरेश भटेवरा ने इसे गलत बताते हुए ये लेख लिखा है. ...