ब्रदरहुड हाउस: जहां रहते हैं समाजसेवा में जीवन अर्पित करने वाले पादरी

By विवेक शुक्ला | Published: April 7, 2023 11:55 AM2023-04-07T11:55:52+5:302023-04-07T11:56:21+5:30

Brotherhood House: Where the fathers living for social service | ब्रदरहुड हाउस: जहां रहते हैं समाजसेवा में जीवन अर्पित करने वाले पादरी

ब्रदरहुड हाउस: जहां रहते हैं समाजसेवा में जीवन अर्पित करने वाले पादरी

आपको राष्ट्रीय राजधानी में सिविल लाइंस मेट्रो स्टेशन पर उतरने के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल के सरकारी आवास राज निवास में पैदल पहुंचने में पांच मिनट से ज्यादा नहीं लगते. राज निवास के साथ खड़ी इमारत को पहली नजर में देखने में समझ आने लगता है कि ये अपने अंदर पूरा इतिहास समेटे होगी. इसकी दीवारें और आर्किटेक्चर गुजरे दौर की गवाही देती हैं. 

राजधानी के स्थायी शोर के बीच यह अलग सुकून भरी जगह समझ आती है. ब्रदरहुड हाउस में फिलहाल छह पादरी रहते हैं. ये संख्या बढ़ भी जाती है. दरअसल दिल्ली में ब्रदरहुड ऑफ दि एसेनडेंड क्राइस्ट की स्थापना सन्‌ 1877 में हुई थी. इस संस्था का संबंध कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से है. इन्होंने ही राजधानी में सेंट स्टीफंस कॉलेज और सेंट स्टीफंस अस्पताल की स्थापना की. इन्होंने श्रेष्ठ शिक्षा देने तथा रोगियों का इलाज करने में अतुलनीय योगदान दिया है. सेंट स्टीफंस कॉलेज में देश-विदेश के अनेक राष्ट्राध्यक्ष भी पढ़े हैं. चूंकि ये सब पादरी ब्रदरहुड ऑफ दि एसेनडेंड क्राइस्ट से संबंध रखते हैं, इसलिए इन्हें ब्रदर कहा जाता है.

ब्रिटेन के किंग चार्ल्स तृतीय और उनकी कुछ समय पहले दिवंगत हुईं मां राजकुमारी एलिजाबेथ का दिल्ली ब्रदरहुड सोसायटी से लगातार संबंध बना रहा. ये दोनों ब्रदरहुड के केंद्रों में आते भी रहे. अब अपना एक सदी का सफर पूरा करने वाला है ब्रदरहुड हाउस. यह इधर सन 1925 में बना था. ये देश का एकमात्र आशियाना है, जहां पर अविवाहित पादरी रहते हैं. 

ब्रदर मोनोदीप डेनियल यहां गुजरे तीन दशकों से रहते हैं. वे मूल रूप से लखनऊ से हैं. दिल्ली आए तो यहां पर ही रहने लगे. वे सेंट स्टीफंस कॉलेज में कुछ सालों तक इंग्लिश भी पढ़ाते रहे हैं. ब्रदर डेनियल बताते हैं कि ब्रदर्स हाउस में रहने वाले पादरियों का अधिकतर समय चर्च, चर्च से जुड़े कामों और उन स्कूलों-संस्थानों में गुजरता है जिन्हें वे चलाते हैं. ब्रदर डेनियल उदाहरण के तौर पर दिल्ली से सटे साहिबाबाद के दीनबंधु स्कूल में चले जाते हैं. वहां पर दिल्ली और यूपी के हाशिये पर रहने वाले परिवारों के बच्चे पढ़ते हैं. 

दीनबंधु स्कूल गांधीजी के परम मित्र सीएफ एंड्रयूज के नाम पर दिल्ली ब्रदरहुड सोसायटी ने स्थापित किया था. इसी का ही है ब्रदरहुड हाउस. सीएफ एंड्रयूज भी इस सोसायटी के सदस्य थे. वे भी ब्रदर हाउस में रहे हैं, जब यह फतेहपुरी चर्च के पास हुआ करता था. यह 1925 से पहले की बातें हैं. सी.एफ.एंड्रयूज सेंट स्टीफंस कॉलेज में अंग्रेजी पढ़ाते थे. वे दक्षिण अफ्रीका में गांधीजी से मिले थे. उसके बाद दोनों घनिष्ठ मित्र बने. उन्होंने 1904 से 1914 तक सेंट स्टीफंस कॉलेज में पढ़ाया. उन्हीं के प्रयासों से ही गांधीजी अप्रैल, 1915 में दिल्ली आए थे.

Web Title: Brotherhood House: Where the fathers living for social service

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