परिपक्व लोकतंत्रों द्वारा अपनाई जाने वाली सामान्य प्रथा यह है कि पहले गुप्त चैनलों के माध्यम से ऐसे विवादास्पद मुद्दों को उठाया जाता है और उन राजनयिकों को वापस लेने का अनुरोध किया जाता है, जो कथित तौर पर राजनयिक नियमों की सीमाओं से परे जा रहे हों, ले ...
असंसदीय शब्दों के इस्तेमाल की कहानी छोटी नहीं है, ऐसे शब्दों को लेकर एक पुस्तिका भी प्रकाशित की जा चुकी है और उसी के अनुसार न जाने कितनी बातों को संसदीय कार्रवाई से बाहर किया जा चुका है। आगे भी किया जाएगा. पर सवाल उठता है क्या मात्र इतना करना पर्याप् ...
Parliament 75 years: प्रधानमंत्री ने बहुत सावधानी से अपने शब्दों का चयन करते हुए प्रत्येक के पिछले 75 वर्षों के दौरान भारत निर्माण में उनके योगदान के बारे में कहा. ...
ई-कचरा से तात्पर्य उन सभी इलेक्ट्राॅनिक और इलेक्ट्रिकल उपकरणों (ईईई) तथा उनके पार्ट्स से है, जो उपभोगकर्ता द्वारा दोबारा इस्तेमाल में नहीं लाया जाता. ...
अखिलेश ने पिछड़ी जातियों का एक गुलदस्ता तैयार करने में कामयाबी हासिल की और मुसलमान वोटों के भीतर मौजूद किसी भी तरह के ढुलमुलपन को भी खत्म करके उनका सर्वांग समर्थन जीत लिया. ...
क्या बिहार में फिर पलटी मारेगी सियासत, क्या बिहार में फिर बदेलगा हवा का रुख? यह सवाल बिहार की सियासत में लगातार चर्चाओं में है। हालांकि बिहार की सियासत को समझने वाले मानते हैं कि नीतीश कुमार राजद के दबाव में हैं। ...
भाजपा पूरी कोशिश करेगी कि मायावती विपक्ष के साथ न जा पाएं, लेकिन अगर मायावती ने इस तरह का मन बनाया तो भाजपा के लिए लोकसभा चुनाव में मुश्किलें बहुत बढ़ जाएंगी। ...
महात्मा गांधी ने अपने आसपास के लोगों को स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था। उन्होंने ‘स्वच्छ भारत’ का सपना देखा था जिसके लिए वह चाहते थे कि भारत के सभी नागरिक एक साथ मिलकर देश को स्वच्छ बनाने के लिए कार्य ...