ब्लॉग: स्वच्छ भारत का साकार हो रहा सपना

By विवेक शुक्ला | Published: September 26, 2023 10:08 AM2023-09-26T10:08:57+5:302023-09-26T10:18:29+5:30

महात्मा गांधी ने अपने आसपास के लोगों को स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था। उन्होंने ‘स्वच्छ भारत’ का सपना देखा था जिसके लिए वह चाहते थे कि भारत के सभी नागरिक एक साथ मिलकर देश को स्वच्छ बनाने के लिए कार्य करें।

Blog: The dream of clean India is coming true | ब्लॉग: स्वच्छ भारत का साकार हो रहा सपना

फाइल फोटो

Highlightsमहात्मा गांधी ने स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट संदेश दिया थागांधी जी के उसी संदेश को आगे बढ़ाते हुए पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत कीपीएम मोदी ने 2014 में ‘स्वच्छ भारत मिशन’ की नींव रखी, देश पर इस मुहिम का प्रभाव दिखाई दे रहा है

महात्मा गांधी ने अपने आसपास के लोगों को स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था। उन्होंने ‘स्वच्छ भारत’ का सपना देखा था जिसके लिए वह चाहते थे कि भारत के सभी नागरिक एक साथ मिलकर देश को स्वच्छ बनाने के लिए कार्य करें।

गांधीजी के उसी सपने को साकार करने की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की। गांधीजी का यह सपना एक बेहद कठिन चुनौती था, पर जिस तरह से 2 अक्तूबर गांधी जयंती के दिन पूरा देश हर साल ‘स्वच्छ भारत दिवस’ के लिए एक साथ खड़ा दिखता है, यह अपने आप में पूरी दुनिया को एक संदेश है।

आज स्वच्छता के पखवाड़े चलाए जा रहे हैं, प्रधानमंत्री के जन्मदिन को ‘स्वच्छता और सेवा दिवस’ के रूप में मनाया जा रहा है। यही वजह है कि गांधीजी का स्वच्छ भारत का सपना आज साकार होता हुआ दिख रहा है, जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘स्वच्छ भारत मिशन’ का रास्ता अपनाया और उसके माध्यम से इस सपने को साकार भी कर दिखाया है।

साल 2014 में यह मुहिम छेड़ी गई और अब इस मिशन के नौ साल पूरे होने जा रहे हैं, तो वास्तव में स्वच्छता की दृष्टि से तस्वीर काफी हद तक बदली हुई नजर आ रही है। आज हमारे देश में कई शहर स्वच्छता संबंधी नवाचारों में मिसाल पेश कर रहे हैं, मध्य प्रदेश के इंदौर में तो आमजन के बीच वह व्यवहारगत परिवर्तन नजर भी आने लगा है जिसकी कल्पना स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए की जाती रही है।

जागरूकता के लिए मिशन के अंतर्गत हर साल राज्यों एवं शहरों के बीच स्वच्छता का स्तर बेहतर बनाने के लिए ‘स्वच्छ सर्वेक्षण अवॉर्ड’ भी दिए जा रहे हैं, इसमें कई शहर अच्छी रैंकिंग हासिल कर चुके हैं। अब शहरों के बीच पिछले दो साल से ‘इंडियन स्वच्छता लीग’ भी कराई जा रही है, जिसका उद्देश्य स्वच्छता के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को मंच देना है।

अब बारी आमजन की है, जिन्हें वह व्यवहार परिवर्तन लाना है जिसमें देश का नागरिक अपना कचरा स्वयं साफ करने की मंशा रखता हो, पिकनिक पर जाते वक्त अपने साथ एक थैला रखता हो, जिससे खाने-पीने के दौरान वह निकलने वाले कचरे को अपने थैले में इकट्ठा करता रहे और जहां डस्टबिन मिले, वहां उसे हरे बिन में गीले और नीले बिन में सूखे कचरे के नियमों के अनुसार ही फेंके। अब जबकि गांधी जयंती करीब ही है तो देश को एक बार फिर से सफाई को लेकर गांधीजी के रास्ते पर चलने का संकल्प लेना ही होगा।

Web Title: Blog: The dream of clean India is coming true

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