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बच्चों में पुस्तकें पढ़ने का जज्बा जगाएं

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: April 26, 2025 07:35 IST

पुस्तकें कल की बात हो गई हैं. स्कूल में पुस्तकालय है मगर वहां किशोर नहीं जाता. उसे मोबाइल की लत लग गई है.

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बालमुकुंद ओझा

हाल ही में हमने विश्व पुस्तक दिवस मनाया.  दुनिया में हर साल 23 अप्रैल को यह दिवस मनाया जाता है. इसे मनाने का उद्देश्य लोगों में किताबों के प्रति रुचि जगाना और दुनिया भर में साक्षरता को बढ़ावा देना है. यूनेस्को द्वारा शुरू किया गया यह दिवस पढ़ने की आदतों को बढ़ावा देता है साथ ही सभी के लिए पुस्तकों तक पहुंच की वकालत करता है. इस साल विश्व पुस्तक दिवस की थीम ‘अपने तरीके से पढ़ें’ रखी गई थी.

इस थीम का उद्देश्य बच्चों को अपने तरीके से पढ़ने और पुस्तकों में रुचि पैदा करना है. यह थीम बच्चों को उनकी रुचि के अनुसार पढ़ने की स्वतंत्रता को महत्व देती है. भारत में पुस्तक दिवस रस्मी तौर पर मनाया जाता है जबकि यूके में बच्चों को मनपसंद पुस्तकें पढ़ने के लिए हर स्तर पर प्रेरित किया जाता है. हालांकि यूके में यह दिवस मार्च में मनाया जाता है. प्रत्येक वर्ष मार्च के पहले गुरुवार को, यूनाइटेड किंगडम और आयरलैंड में विश्व पुस्तक दिवस प्रत्येक बच्चे और युवा वयस्क के हाथ में एक किताब रखने का प्रयास करता है.  

पुस्तक पढ़ने की आदत बचपन से ही बच्चों में डाली जाए तो यह जीवन भर काम आती है. जिन बच्चों को किताबें पढ़ने की आदत होती है, उनका देश और दुनिया को जानने समझने के साथ शब्द ज्ञान दूसरे बच्चों से बेहतर होता है. सच तो यह है कि इसके एक नहीं, अनेक फायदे हैं. हर किताब से कुछ-न-कुछ सीखने का अवसर मिलता है साथ ही बच्चों को कभी अकेलापन महसूस नहीं होता. देखा जाता है कि अभिभावक बच्चों को उनके हाथों में किताबों की बजाय मोबाइल और टैबलेट थमा देते हैं, इससे उनके दिमाग के विकास पर बुरा असर पड़ता है. इसलिए यह बच्चों के सर्वांगीण विकास के व्यापक हित में है कि बचपन से ही उनमें बुक रीडिंग की आदत डाली जाए. समय परिवर्तनशील है. पुस्तकें कल की बात हो गई हैं. स्कूल में पुस्तकालय है मगर वहां किशोर नहीं जाता. उसे मोबाइल की लत लग गई है. पुस्तकें हमारी सबसे अच्छी मित्र थीं मगर अब नहीं हैं.  

पुस्तकें ज्ञान का भंडार हैं. पुस्तकें हमारी दुष्ट वृत्तियों से सुरक्षा करती हैं. इनमें लेखकों के जीवन भर के अनुभव भरे रहते हैं. अच्छी पुस्तकें पास होने पर उन्हें मित्रों की कमी नहीं खटकती है बल्कि वे जितना पुस्तकों का अध्ययन करते हैं. पुस्तकें उन्हें उतनी ही उपयोगी मित्र के समान महसूस होती हैं. पुस्तक का अध्ययन मनन और चिंतन कर उनसे तत्काल लाभ प्राप्त किया जा सकता है. कहानियों के जरिये बच्चे बहुत सी नई चीजों को सीखते हैं.

पुस्तकों का अध्ययन कम हो गया है. पुस्तकें ज्ञान की भूख को मिटाती है. जीवन में पुस्तकें हमारा सही मार्गदर्शन करती हैं. एकांत की सहचारी हैं. वे हमारी मित्र हैं जो बदले में हम से कुछ नहीं चाहती. वे साहस और धैर्य प्रदान करती हैं. अंधकार में हमारा मार्गदर्शन करती हैं.

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