राष्ट्रीय राजनीति की बात करें तो दो ही दीर्घजीवी और सफल गठबंधन रहे हैं: भाजपानीत एनडीए और कांग्रेसनीत यूपीए। यह एनडीए का रजत जयंती वर्ष है तो मोदी सरकार को तीसरे कार्यकाल से वंचित करने के लिए अब विपक्ष नया गठबंधन बनाने में जुटा है। ...
ऐसे में विचार या बहस का मुद्दा संप्रदाय और सत्ता-राजनीति से परे व्यापक राष्ट्रहित होना चाहिए। स्वाभाविक ही अलग-अलग समुदाय के लिए अलग-अलग कानून से जटिलताएं पैदा होती हैं। न्याय प्रक्रिया में भी विलंब होता है। सच यह भी है कि न सिर्फ अमेरिका जैसे देश मे ...
अतीत में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लेकर केसीआर और केजरीवाल तक कांग्रेस-भाजपा से समान दूरी की वकालत करते हुए क्षेत्रीय दलों का मोर्चा बनाने की कवायद करते रहे हैं. ...
आप और कांग्रेस के रिश्ते सुधरे बिना व्यापक विपक्षी एकता दूर की कौड़ी ही बनी रहेगी. दोनों पार्टियों के बीच कटुता पुरानी है, जो समय के साथ बढ़ती गई है. ...
2018 के विधानसभा चुनाव में 104 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी भाजपा जोड़तोड़ से सरकार बनाने और लगभग चार साल तक चलाने के बावजूद इस बार कांग्रेस से आधी से भी कम सीटों पर सिमट गई तो जाहिर है, सारे समीकरण उसके विरुद्ध गए। ...
कर्नाटक में कल चुनाव है. यह भी दिलचस्प है कि 1977 में जब पहली बार कांग्रेस केंद्र की सत्ता से बेदखल हुई और इंदिरा गांधी तक रायबरेली से लोकसभा चुनाव हार गईं, तब उन्हें कर्नाटक ने ही सहारा दिया था. ...