प्रमोद भार्गव वरिष्ठ पत्रकार व साहित्कार हैं। वे जनसत्ता से लेकर हंस तक कई पत्र-पत्रिकाओं में लेखन का काम कर चुके हैं। 'भाषा और भाषाई शिक्षा के बुनियादी सवाल' और 'मीडिया का बदलता स्वरूप' प्रमोद भार्गव की प्रमुख किताबों के लेखक हैं।Read More
भारत अभी 206 देशों में दवाओं का निर्यात करता है. भारत ने हाल में यूएई और ऑस्ट्रेलिया से द्विपक्षीय व्यापार समझौता किया है, इससे भारत से दवाओं का निर्यात बढ़ जाएगा. ...
कालमान या तिथि-गणना किसी भी देश की ऐतिहासिकता की आधारशिला होती है. किंतु जिस तरह से हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं को विदेशी भाषा अंग्रेजी का वर्चस्व धूमिल कर रहा है, कमाबेश यही हश्र हमारे राष्ट्रीय पंचांग, मसलन कैलेंडर का भी है. ...
हर दस साल में की जाने वाली जनसंख्या की गिनती में करीब 20 लाख कर्मचारी जुटते हैं. इसमें छह लाख ग्रामों, पांच हजार कस्बों, सैकड़ों नगरों और दर्जनों महानगरों के रहवासियों के दरवाजे पहु्ंचकर जनगणना का काम करना जटिल होता है. ...
भारत दुनिया के उन देशों में से एक है जो उत्पादों और तकनीकी उपकरणों के पुर्जो की खरीद के लिए चीन का विकल्प तलाश रहे हैं। महामारी और वैश्विक सप्लाई चेन प्रभावित होने से विभिन्न वस्तुओं के अन्य देशों से आयात में मुश्किलें आई हैं। इस कारण भी भारत की चीन ...
इस ब्लॉग में प्रमोद भार्गव बुंदेलखंड के लिए केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के महत्व को बता रहे हैं। इस परियोजना को वर्ष 2005 में मंजूरी भी मिल गई थी, लेकिन पानी के बंटवारे को लेकर विवाद बना हुआ था। ...
गांधीजी ने 75 साल पहले ही शिक्षा को श्रम से जोड़ने के साथ उत्पादन से भी जोड़ने की बात कही थी. लेकिन मैकाले की शिक्षा प्रणाली के जरिये हुक्मरान बने प्रशासकों के दिमाग पूर्वाग्रही और राष्ट्रीय स्वाभिमान से अछूते रहे. ...
इस कानून का उद्देश्य बांधों की सुरक्षा के लिए एक मजबूत और संस्थागत कार्ययोजना उपलब्ध कराना है। भारत में बांधों की सुरक्षा के लिए कानून की कमी के कारण यह चिंता व विचार का मुद्दा था। खासतौर से बड़े बांधों का निर्माण देश में बड़ी बहस और विवाद के मुद्दे ...