डिजिटल करेंसी के पीछे क्रिप्टोकरेंसी का जोर है. क्रिप्टोकरेंसी केंद्रीय बैंकों के नियंत्रण से पूर्णत: बाहर है. इस करेंसी को बनाने का उद्देश्य था कि सरकारी बैंकों द्वारा कभी-कभी अधिक मात्रा में नोट छाप कर बाजार में डाल दिए जाते हैं जिससे महंगाई बहुत त ...
हमारे निर्यात भी संकट में हैं क्योंकि इंग्लैंड और नीदरलैंड जैसे देशों में कोविड के कारण लॉकडाउन की स्थिति बन रही है और उनके द्वारा हमारा माल खरीदा नहीं जा रहा है. ...
दि मान भी लें कि 2018 में 70 लाख नए रोजगार बने तो भी बेरोजगारी की समस्या का निदान नहीं होता है क्योंकि अपने देश में हर वर्ष 120 लाख नए युवा श्रम बाजार में प्रवेश कर रहे हैं. इनमें से यदि 70 लाख को रोजगार मिल भी गए तो भी 50 लाख युवा बेरोजगार ही रह जाए ...
मूल बात यह है समर्थन मूल्य से किसान की आय में वृद्धि होती है जबकि देश की आय में गिरावट आती है. इस अंतर्विरोध को हल करना जरूरी है. किसान के हित और देश के हित को एक साथ हासिल करने का रास्ता हमें खोजना पड़ेगा. ...
विश्व व्यापार से हमें दूसरे देशों में बना सस्ता माल उपलब्ध हो जाता है लेकिन इससे आर्थिक विकास हो, यह जरूरी नहीं है. ऐसा समझे कि चीन के शंघाई में किसी बड़ी फैक्ट्री में सस्ती फुटबाल का उत्पादन होता है. ...
मीथेन के परमाणुओं में हलचल अधिक होती है इसलिए कार्बन डाईऑक्साइड की तुलना में मीथेन गैस से धरती का तापमान 28 से 80 गुना अधिक बढ़ता है. इसलिए हाल में संपन्न हुए कॉप-26 सम्मेलन में लगभग 100 देशों के बीच सहमति बनी है कि वे मीथेन के उत्सर्जन को कम करेंगे. ...
बिजली से चलने वाले वाहन आर्थिक एवं पर्यावरण- दोनों दृष्टि से लाभप्रद हैं. पेट्रोल से चलने वाले वाहन ईंधन की केवल 25 प्रतिशत ऊर्जा का ही उपयोग कर पाते हैं. शेष 75 प्रतिशत ऊर्जा इंजन को गर्म रखने अथवा बिना जले हुए कार्बन यानी धुएं के रूप में साइलेंसर स ...
भारत को चीन के द्वारा लिए गए कदमों से सीख लेनी चाहिए. पहला यह कि अपने देश में थर्मल बिजली संयंत्रों और जल विद्युत परियोजनाओं द्वारा भारी मात्रा में प्रदूषण किया जा रहा है जिस पर रोक लगाने से हमारी अर्थव्यवस्था कुशल होगी. बिजली के क्षेत्र में भारत को ...