अगर विपक्ष को राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के खिलाफ एकजुट होना है तो उसे एक एंकर पार्टी चाहिए होगी जो धुरी की तरह काम कर सके और सभी दल जमा इसके इर्दगिर्द जमा हो सकें. कांग्रेस ये भूमिका निभा सकती है लेकिन इससे पहले उसे एक बड़ा काम करना होगा। ...
विरोधाभास यह है कि इन प्रयासों के बावजूद चुनाव-प्रक्रिया से धनबल, बाहुबल और अपराधीकरण को बहिष्कृत नहीं किया जा सका है. इसका सबसे बड़ा कारण है राजनीतिक दलों की हिचक, जिसके चलते भारतीय लोकतंत्र निर्वाचन की आदर्श संरचनाओं से दूर बना हुआ है. ...
हर साल की तरह इस साल भी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने अपने श्रद्धेय नेता दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि मनाई. भाजपा के पूर्व संस्करण भारतीय जनसंघ को एक उल्लेखनीय शक्ति बनाने और समाजवादी नेता राम मनोहर ...
2008 में जब अमेरिकी वित्तीय बाजारों में संकट आया, तो भारत कमोबेश उससे अछूता रह गया। आज की स्थिति यह है कि प्रत्येक भारतीय पूंजीपति घराना विश्व के पूंजी बाजारों के साथ गहराई के साथ जुड़ा हुआ है। यही कारण है कि वह भारत से ही नहीं दुनिया भर से पूंजी उठा ...
सरमा के नेतृत्व में भाजपा को पूरा यकीन है कि इन तीनों चुनावों में उसकी ही विजय होगी। जाहिर है कि कांग्रेस और माकपा अब उत्तर-पूर्व में पहले जैसी ताकत नहीं रहे हैं। पर भाजपा जानती है कि वह जरा सी भी चूकी तो ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस उ ...
भाजपा की निगाह विपक्ष के मुकाबले कहीं अधिक और कहीं पहले से 2024 के लोकसभा चुनावों पर टिक चुकी है. वह मतदाताओं को संदेश देना चाहती है कि वे स्थानीय समस्याओं से परे जाकर राष्ट्रीय और एक हद तक अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दें. आख ...