पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत पर कई बेबुनियाद आरोप लगाए। भारत ने राइट ऑफ रिप्लाई का इस्तेमाल करके जवाब देने का फैसला किया है। महासभा सत्र के अंत में शनिवार की सुबह करीब 7 बजे यह भाषण दिया जाएगा।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने पहले संबोधन में शुक्रवार को कश्मीर मुद्दे की राग छेड़ते हुए मांग की कि भारत को कश्मीर में ‘अमानवीय कर्फ्यू’ हटाना चाहिए एवं सभी बंदियों को रिहा करना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74 वें सत्र में करीब 50 मिनट के भाषण में उन्होंने आधा समय कश्मीर मुद्दे पर चर्चा की। इमरान खान के भाषण में धारणाएँ अधिक थी और तथ्यात्मक बातें कम। इसलिए भारत ने राइट ऑफ रिप्लाई का इस्तेमाल करके जवाब देने का फैसला किया है। महासभा सत्र के अंत में शनिवार की सुबह करीब 7 बजे यह भाषण दिया जाएगा।
खान ने चेतावनी दी कि यदि परमाणु शक्ति संपन्न दोनों पड़ोसियों के बीच टकराव हुआ तो उसके नतीजे उनकी सीमाओं से परे जाएंगे। खान संरा महासभा में अपना भाषण निर्धारित समय से करीब 15 मिनट अधिक समय तक दिया। खान का युद्ध राग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उसी मंच से कुछ समय पहले दिये गये शांति संदेश के ठीक उलट था। मोदी ने कहा था कि भारत एक देश है जिसने विश्व को ‘‘युद्ध नहीं बुद्ध’’ दिए।
पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का उस समय से अंतरराष्ट्रीयकरण करने का प्रयास कर रहा है जब भारत ने पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था। हालांकि इससे संबंधित अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को समाप्त करने को भारत ने अपना ‘‘आंतरिक मामला’’ बताया है।
इमरान खान ने कहा, ‘‘यदि दोनों देशों के बीच पारंपरिक युद्ध हुआ तो कुछ भी हो सकता है। एक देश, जो अपने पड़ोसी से सात गुना छोटा है, उसके समक्ष यह परिस्थिति है..या तो आप आत्मसमर्पण कर दे अथवा आप अपनी स्वतंत्रता के लिए मृत्युपर्यन्त लड़ता रहे।’’