लाइव न्यूज़ :

G7 Summit: ट्रम्प ना-ना करते रह गए और मैक्रों ने ईरानी विदेश मंत्री को बुला लिया

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: August 26, 2019 08:24 IST

ट्रम्प के इनकार के बावजूद फांसीसी राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों ने ईरानी विदेश मंत्री मो. जवाद जरीफ को फ्रांस बुला लिया। अमेरिका से तनाव के मुद्दे पर होगी बातचीत।

Open in App
ठळक मुद्दे'जी-7' का सम्मेलन में ट्रेड वॉर, जलवायु परिवर्तन से लेकर मंदी तक तमाम मुद्दों पर सातों देश चर्चा करेंगे. मैक्रों ने ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी से कुछ सप्ताह में कई बार फोन पर बातचीत की है

जी-7 सम्मेलन की पूर्वसंध्या पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों का कद वैश्विक नेता के रूप में आज और ऊंचा दिखा, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के इनकार के बावजूद उन्होंने अमेरिका से तनाव के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए ईरानी विदेश मंत्री मो. जवाद जरीफ को बुला लिया. मैक्रों दो दिन पहले ही ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को यह कहकर आईना दिखा चुके हैं कि अब नई ब्रेक्जिट डील असंभव है.

'जी-7' का सम्मेलन में ट्रेड वॉर, जलवायु परिवर्तन से लेकर मंदी तक तमाम मुद्दों पर सातों देश चर्चा करेंगे. एजेंडे में ईरान नहीं था, पर जी-7 ने मैक्रों को ईरान-अमेरिका तनाव घटाने की जिम्मेदारी सौंपी है, इसलिए मैक्रों ने ईरान वार्ता के लिए इस मंच पर बुला लिया. इस मुद्दे पर मैक्रों ने ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी से कुछ सप्ताह में कई बार फोन पर बातचीत की है. कल ही उन्होंने जरीफ से बात की थी. मैक्रों ने कल कहा था, ''ईरान पर जी-7 में सहमति बनी है.''

आज नाटकीय ढंग से ईरानी विदेश मंत्री का विमान बियारित्ज में उतरा और ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मुसावी ने ट्वीट किया, ''जरीफ ईरान और फ्रांस के राष्ट्रपतियों के बीच वार्ता जारी रखने के लिए बियारित्ज पहुंचे हैं. वहां अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से बैठक या वार्ता नहीं होगी.'' ट्रम्प बोले : वे करते रहें चर्चा उधर, ट्रम्प अड़े हैं. कहा, ''नहीं, मैंने (मैक्रों से) चर्चा नहीं की है. हम अपनी तरफ से (चर्चा में) पहुंचने का प्रयास करेंगे. लेकिन, आप लोगों को वार्ता से नहीं रोक सकते. अगर वे चाहते हैं, तो वार्ता कर सकते हैं.''

क्या है मामला

2015 में पश्चिमी देशों और ईरान के बीच परमाणु करार हुआ था. लेकिन पिछले साल ट्रम्प ने उसे तोड़ दिया और ईरानी अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले प्रतिबंध फिर से लगा दिए. पलटमार ट्रम्प : ट्रम्प बार-बार बयान बदलते हैं. उदाहरण आज फिर सामने आया. पहले उन्होंने कहा, ''मुझे चीन से व्यापार युद्ध पर अफसोस है.'' कुछ घंटों में ही वे पलट गए और कहा, ''मुझे इसका अफसोस है कि मैंने चीनी वस्तुओं पर शुल्क को और ऊंचा क्यों नहीं रखा?''

समाचार एजेंसियों से इनपुट्स के आधार पर

टॅग्स :फ़्रांसईरानअमेरिका
Open in App

संबंधित खबरें

भारतपीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप से बात की, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर की चर्चा

विश्वअगर ट्रंप अपनी नीति में बदलाव नहीं करते, तो भारत को खो देने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति बनेंगे?, सांसद सिंडी कमलागर डोव ने कहा- सबसे बेहतर दोस्त...

कारोबारजी-20 पर रार जारी, वैश्वीकरण की जगह लेता आक्रामक राष्ट्रवाद

विश्वडोनाल्ड ट्रंप भारतीय चावल पर लगा सकते हैं टैरिफ, अमेरिकी किसानों की 'डंपिग' शिकायत पर भड़के

भारतPutin India Visit: ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे...!

विश्व अधिक खबरें

विश्वडोनाल्ड ट्रंप ने लॉन्च किया 'गोल्ड कार्ड' वीजा प्रोग्राम, अमेरिकी नागरिकता पाने के लिए देने होंगे 10 लाख; जानें क्या है ये

विश्वसोशल मीडिया बैन, 16 साल से बच्चों पर लागू, फेसबुक, इंस्टाग्राम, किक, रेडिट, स्नैपचैट, थ्रेड्स, टिकटॉक, एक्स, यूट्यूब और ट्विच जल्दी हटाएं नहीं तो 3.29 करोड़ अमेरिकी डॉलर जुर्माना

विश्वInternational Human Rights Day 2025: 10 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है मानवाधिकार दिवस? जानें क्या है महत्व

विश्वट्रम्प की इससे ज्यादा बेइज्जती और क्या हो सकती है ? 

विश्वपाकिस्तान टूटने की कगार पर, 'सिंधुदेश' की मांग को लेकर कराची में भड़की हिंसा