ट्रक से क्यों सफर करते हैं प्रवासी मज़दूर, सुनिए पूरी कहानी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 17, 2020 19:55 IST2020-05-17T19:55:04+5:302020-05-17T19:55:04+5:30
पहले महाराष्ट्र का औरंगाबाद फिर यूपी में औरैया और मध्यप्रदेश के गुना, सागर ये वो जगहें हैं जो लॉकडाउन की मार झेल रहे सबसे ज्यादा प्रभावित तबके प्रवासी मजदूरों की कब्रगाहें है. ये जो बोर्ड आप देख रहे हैं जो खुद पर गुदे बिवनी, जबलपुर और बनारस की दूरी बता रहा हैं. वैसे तो ये ये सबस ज्यादा दूर नहीं है, लेकिन ये सफर इन मजदूरों के लिए ये जिंदगी से भी मुश्किल बन गया. ट्रक इंसान ढोने के लिए नहीं बने थे. लेकिन अब इसमें व्यवस्था के लिए थोड़ा कमतर इंसान अपनी जान और जहान दोनों समेटे घर भाग रहे हैं. इस एक ट्रक में ही पूरा मोहल्ला, बस्ती बसी है. जिन शहरों को अपने हाथों से बनाया होगा आज उन शहरों को यूं छोड़ कर जाना कौन चाहता है. लेकिन पेट में भूख है, दिमाग में खौफ है तो रोजाना रोटी कमाने वाले प्रवासी मजदूरों ने नागपुर छोड़ वापस जाने का फैसला किया. घर वालों, सगे सबंधियों को खबर होगी कि वो आ रहे हैं लेकिन ऐसे कभी पहले तो नहीं गये होंगे.

















