बिहार विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद अब सभी की निगाहें पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर टिकी हैं। हर बार से अलग इस बार बंगाल में ओवैसी की पार्टी AIMIM को लेकर खबरों का बाजार गरम है। माना जा रहा है कि ओवैसी बिहार चुनाव की ही तरह बंगाल में भी अहम रोल अदा करेंगे। बिहार चुनाव को आधार बनाकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि बंगाल में AIMIM का प्रदर्शन बेहतर हो सकता है। इन अटकलों के बीच बंगाल में ओवैसी की पार्टी AIMIM को आज सोमवार को बड़ा झटका लगा है। AIMIM के बड़े नेता अनवर पाशा ने ओवैसी का साथ छोड़कर तृणमूल कॉन्ग्रेस का दामन थाम लिया है। रणनीतिकारों का मानना है कि यह ममता सरकार की चुनावी चाल है। यह सियासी घटनाक्रम भाजपा के लिए एक झटके की ही तरह है। ऐसा कहना इसलिए उचित है क्योंकि अनवर पाशा बंगाल में AIMIM के अध्यक्ष थे। उनके पार्टी छोड़ने की वजह से AIMIM के वोटबैंक पर असर पड़ना तय है। जिसका फायदा टीएमसी को हो सकता है और भाजपा को नुकसान झेलना पड़ सकता है।