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नार्वे में Corona Vaccine लगवाने के बाद 23 लोगों की मौत, सवालों के घेरे में Pfizer का टीका

By गुणातीत ओझा | Updated: January 15, 2021 23:51 IST2021-01-15T23:47:40+5:302021-01-15T23:51:24+5:30

वैक्सीन के साइडइफेक्ट्स के मामलों में फाइजर (Pfizer) वैक्सीन का नाम सबसे ज्यादा सामने आ रहा है। नॉर्वे (Norway) में अब तक वैक्सीन लगवाने वाले 23 लोगों की जान जा चुकी है।

फाइजर की वैक्सीन लगवाने के बाद 23 लोगों की मौत

कोरोना महामारी (Coronavirus) से निजात मिलना शुरू हुई तो अब वैक्सीन (Corona Vaccine) के साइडइफेक्ट्स डराने लगे हैं। दुनियाभर के कई देशों में कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है। महामारी के खिलाफ बड़े स्तर पर टीकाकरण अभियान चल रहा है। वैक्सीन के साइडइफेक्ट्स के मामलों में फाइजर (Pfizer) वैक्सीन का नाम सबसे ज्यादा सामने आ रहा है। नॉर्वे (Norway) में अब तक वैक्सीन लगवाने वाले 23 लोगों की जान जा चुकी है। मरने वालों में ज्यादा संख्या बुजुर्गों की है। नॉर्वे में न्यू ईयर से चार दिन पहले कोरोना वैक्सीनेशन शुरू हुआ था और अब तक 33 हजार से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लग चुकी है।

वैक्सीन की पहली ही डोज लेने के बाद नॉर्वे में मौत का यह आंकड़ा सामने आया है। पहली डोज के बाद इन लोगों की तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई। जिसके बाद सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि जो लोग बीमार हैं और बुजुर्ग हैं, उनके लिए वैक्सीनेशन काफी खतरे भरा हो सकता है। मरने वाले 23 लोगों में से 13 लोगों की वैक्सीन से मरने की पुष्टि हो चुकी है, जबकि अन्य मामलों की जांच चल रही है। नॉर्वेयिन मेडिसिन एजेंसी के अनुसार, 13 का अब तक परिणाम सामने आया है, जिसमें बताया गया है कि सामान्य दुष्प्रभाव ने बीमार, बुजुर्ग लोगों में गंभीर रिएक्शन किया है।

नॉर्वेयिन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ का कहना है कि जो काफी बुजुर्ग हैं और लगता है कि उनकी जिंदगी का कुछ ही वक्त बचा है, तो ऐसे लोगों को वैक्सीन का लाभ शायद ही मिले या फिर अगर मिले भी तो काफी कम मिलने की संभावना है। वहीं, वैक्सीन से साइड इफेक्ट के अब तक 29 मामले सामने आए हैं।

मरने वालों की उम्र 80 साल से ऊपर
नॉर्वे में वैक्सीनेशन के बाद मरने वाले बुजुर्गों की उम्र 80 साल से ऊपर है और उसमें से कई तो 90 साल को पार कर चुके हैं। इन सभी बुजुर्गों की मौत नर्सिंग होम में हुई है। नार्वे की मेडिसिन एजेंसी के मेडिकल डायरेक्‍टर स्‍टेइनार मैडसेन का कहना है कि ऐसा लगता है कि इनमें से कुछ मरीजों को बुखार और अस्वस्थता जैसे साइड इफेक्ट हुए थे और बाद में गंभीर बीमारी में बदल गए, जिससे उनकी मौत हो गई।

चीनी एक्सपर्ट्स ने फाइजर वैक्सीन न लगाने की दी सलाह
वहीं, चीन के हेल्थ एक्सपर्ट्स ने नॉर्वे व अन्य देशों को सुझाव दिया है कि जहां-जहां फाइजर की वैक्सीन बुजुर्ग लोगों को लगाई जा रही है, उसे रोक दिया जाना चाहिए। इसके पीछे एक्सपर्ट्स ने वजह नॉर्वे में वैक्सीन से 23 लोगों की हुई मौत बताई है। एक चीनी इम्यूनोलॉजिस्ट का कहना है कि नई वैक्सीन को जल्दबाजी में विकसित किया गया था और संक्रामक बीमारी की रोकथाम के लिए बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल कभी नहीं किया गया था। इस वजह से मौतों के मामले सामने आ रहे हैं।

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