यहां पर सुरक्षित रखी हुयी है मालिक मोहम्मद जायसी की पदमावत
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: January 23, 2018 13:35 IST2018-01-23T13:10:44+5:302018-01-23T13:35:58+5:30
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फिल्म 'पद्मावत' जिस कहानी पर आधारित है वह मूल रचना कवि मलिकमोहम्मद जायसी की लिखी हुई है, उसमें रानी पद्मावती के रुप का ऐसा बखान किया गया है कि आपके सामने वह कल्पना मानों साकार हो जाए। इसमें रानी पद्मावती के रुप का वर्णन करते हुए लिखा गया है कि "सोने से अलंकृत मांग में जो सिंदूर की रेखा है वह ऐसी शोभित है मानो रंग भरी बसंत ऋतु जगत में दिखाई पड़ रही हो। पुष्पों में सजी वेणी ऐसी लगती थी मानो कालिया नाग की नागिनी कलम पुष्प लिए हुए जमुना से बाहर निकली हो। जब वह केशों के ऊपर अपनी ओढऩी का चीर ढंकती है तो ज्ञात होता है जैसे अंधेरे में क्षण भर के लिए बिजली चमक गई हो। द्वितीया के चंद्रमा से भी उसका ललाट अधिक कांतिमान है " ।मलिक मोहम्मद जायसी रचित काव्य 'पद्मावत' की 2 प्रतियां मिली हैं, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के आनंद समाज वाचनालय में। यहां स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत चल रहे जीर्णोद्धार चल रहा है, इस दौरान सफाई की जा रही थी कि पद्मावत की 2 प्रतियां हिंदी में मिल गई। बताया जा रहा है कि ये यहां 100 साल से रखी हुई हैं।इनमे न तो तारीख है , न यहां के रिकॉर्ड में इसके खरीदने की तारीख है। पिछले 50 साल से इस काव्य को किसी ने इश्यू नहीं करवाया ।तब किसे मालूम था कि आगे चलकर इसपर बनी फिल्म देशभर में विवाद और चर्चा का विषय बन जाएगी।

















