राशियां, राशिचक्र के उन बारह बराबर भागों को कहा जाता है जिन पर पूरा ज्योतिष शास्त्र आधारित है। हर राशि सूरज के क्रांतिवृत्त यानी ऍक्लिप्टिक पर आने वाले एक तारामंडल से सम्बन्ध रखती है और उन दोनों का एक ही नाम होता है। जैसे की मिथुन राशि और मिथुन तारामंडल। इन राशियों में मेष राशि, वृष राशि, मिथुन राशि, कर्क राशि, सिंह राशि, कन्या राशि, तुला राशि, वॄश्चिक राशि, धनु राशि, मकर राशि, कुम्भ राशि और मीन राशि आते हैं। इन बारह तारा समूहों को ज्योतिष के हिसाब से महत्वपूर्ण माना जाता हैं। Read More
15 मई से 15 जून तक सूर्य वृषभ राशि में रहेंगे और 15 जून को राशि परिवर्तन मिथुन राशि में चले जाएंगे। वृषभ राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है, जो कि सूर्य का शत्रु माना जाता है। ...
अक्षय तृतीया का पर्व मां लक्ष्मी की पूजा को समर्पित है। इसदिन लोग घर में भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की एक साथ पूजा करते हैं। क्योंकि यह दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम के जन्मोत्सव के रूप में भी जाना जाता है इसलिए इसदिन लक्ष्मी-नारायण दोन ...
अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर पीली वस्तुओं और सोना की खरीदारी से मां लक्ष्मी खुश होती हैं। ये चीजें धन की देवी को अत्यंत प्रिय हैं। इसलिए उनसे मंगल लाभ पाने के लिए इन्हें शुभ समय में घर में लाया जाता है। ...
सिंह राशि के लिए सभी जोडिएक साइन में सबसे अधिक एट्रैक्टिव माने जाते हैं। लोग इनकी ओर जल्दी आकर्षित होते हैं लेकिन लंबे समय तक टिक नहीं पाते हैं। कारण हैं इनका गुस्सा जिसपर इनका खुद भी कंट्रोल नहीं होता। ...
ज्योतिष शास्त्र की राय में होली के दिन इस्तेमाल होने वाला हर रंग ज्योतिष के ग्रहों और इन बारह राशियों से जुड़ा है। अगर हर इंसान अपनी राशि के अनुसार होली के रंग का इस्तेमाल करे तो उसकी कुंडली के कई दोष शांत हो सकते हैं। ...
कुछ लोग हर परिस्थिति में से नकारात्मक बात को खोज निकलते हैं। वह परिस्थिति उनके लिए किस हद तक बुरी साबित होती है, सबसे पहले इस बात का पता लगाते हैं। ऐसे लोग निगेटिव सोच वाले माने जाते हैं। ...