इस एकादशी को मनुष्य जीवन के सभी पापों को हरने वाली एकादशी बताया जाता है। मान्यता है कि इसदिन व्रत एवं भगवान विष्णु का पूजन करने वाला साधक पाप मुक्त हो जाता है और मोक्ष को पाता है। ...
नर्मदा एक ऐसी पवित्र नदी है जिसके किनारे बैठ बड़े बड़े ऋषि-मुनियों ने तपस्या करके सफलता प्राप्त की। ऋषि अगस्त्य, भृगु, अत्री, भारद्वाज, कौशिक, मार्कंडेय, शांडिल्य, कपिल आदि नाम इसमें शामिल हैं ...
अचला सप्तमी को पौराणिक कथा में सूर्य जयंती के नाम से भी जाना जाता है। माघ महीने की सप्तमी तिथि होने के कारण इसे माघी सप्तमी भी कहा जाता है। यह तित रथ सप्तमी के नाम से भी प्रचलित है। ...
मंगलवार के दिन हनुमान जी को खुश करने के लिए एक खास उपाय भी करें। उनके सामने घी का दीपक जलाएं। 11 बार हनुमान चालीसा पढ़ें और फिर अंत में प्रार्थना करें ...
हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। पतझड़ बीत जाने और बसंत ऋतु के आगमन की खुशी में इस पर्व को उत्तर भारत समेत देश के कई क्षेत्रों में मनाया जाता है। ...
मां सरस्वती को पीला रंग प्रिय है इसलिए इसदिन लोग पीले वस्त्र पहनते हैं और पीली चीजों का ही दान भी करते हैं। देवी की पूजा के भोग के लिए भी पीली मिठाईयां, पकवान आदि बनाए जाते हैं। सरस्वती पूजा में पीले मीठे चावल बनाने की परंपरा है। ...
9 फरवरी की दोपहर 12 बजकर 25 मिनट से पंचमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी, जो कि अगले दिन 10 फरवरी की दोपहर 2 बजकर 8 मिनट तक मान्य रहेगी। इस वर्ष पंचमी तिथि रविवार को है, साथ ही रवि सिद्धि योग एवं अबूझ नक्षत्र भी बन रहा है। इसे अत्यंत शुभ माना जा रहा है। ...
इस वर्ष पंचमी तिथि रविवार को है, साथ ही रवि सिद्धि योग एवं अबूझ नक्षत्र भी बन रहा है। इसे अत्यंत शुभ माना जा रहा है। सुबह 6 बजकर 40 मिनट से दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक का समय पूजा के लिए शुभ बताया गया है। ...