पितृ पक्ष, पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त करने का सर्वोत्तम समय होता है। इस पक्ष में सही समय पर श्रद्धा भाव से किया गया श्राद्ध कर्म व्यक्ति के जीवन मे खुशियों का अंबार ला सकता है। शास्त्रानुसार प्रत्येक सनातन धर्मी को इस पक्ष में प्रतिदिन मध्यान्ह व्यापिनी तिथि को ध्यान में रखते हुए अपने पूर्वजों की संतुष्टि के लिए श्राद्ध एवं तर्पण अवश्य करना चाहिए। पृथ्वी लोक में माता पिता एवं पितृ साक्षात देवता है अतः उनकी आत्मा की शांति के लिए आश्विन कृष्ण पक्ष में श्रद्धा विश्वास एवं उत्साह के साथ मनाना चाहिए। Read More
श्राद्ध अनुष्ठान का सबसे दिलचस्प हिस्सा दिवंगत आत्माओं के लिए भोजन की तैयारी है। सम्मान स्वरूप श्राद्ध के दौरान पितरों का पसंदीदा भोजन बनाया जाता है। लेकिन, इस दौरान जो दो सामग्रियां बहुत महत्व रखती हैं वो हैं उड़द की दाल और चावल। ...
Shradh 2024: पितृ पक्ष 17 सितंबर 2024 को शुरू हुआ और 2 अक्टूबर 2024 को समाप्त होगा। पूर्वजों को नाराज करने से बचने के लिए पितृ पक्ष के दौरान प्रमुख दिशानिर्देशों का पालन करना महत्वपूर्ण है। इस अवधि के दौरान पालन करने के लिए आवश्यक क्या करें और क्या न ...
हिन्दू मान्यता के अनुसार, पितृ ऋण चुकाने के लिए शास्त्रों में श्राद्ध कर्म करने का विधान बताया गया है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद पूर्णिमा से पितृ पक्ष प्रारंभ होता है, जो आश्विन मास की अमावस्या तक चलता है। ...
माना जाता है कि ऐसा करने से दिवंगत आत्माओं को शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। अनुष्ठान आमतौर पर सबसे बड़े बेटे या परिवार के पुरुष सदस्य द्वारा किया जाता है। इस वर्ष यह 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। ...
हिन्दू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद पूर्णिमा से पितृ पक्ष प्रारंभ होता है, जो आश्विन मास की अमावस्या तक चलता है। इस साल पितृपक्ष की शुरुआत 17 सितंबर से होगी। 02 अक्टूबर 2024 को सर्व पितृ अमावस्या के दिन यह समाप्त होगा। ...
September 2024 Vrat Tyohar List: इस महीने गणेश चतुर्थी, अनंत चतुर्दशी (गणेश विसर्जन) और श्राद्ध पक्ष व्रत-त्योहार आएंगे। माह की शुरूआत ही पर्यूषण पर्वारम्भ के साथ होगी और अंत आश्विन माह कृष्ण पक्ष की मासिक शिवरात्रि के साथ होगा। ...
दक्षिणी और पश्चिमी भारत में यह भाद्रपद (सितंबर) के हिंदू चंद्र महीने के दूसरे पक्ष (पखवाड़े) में आता है और गणेश उत्सव के तुरंत बाद वाले पखवाड़े के बाद आता है। ...
सर्वपितृ अमावस्या पर उन पितरों का भी श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं होती है। इन पितरों को तृप्त करने के लिए श्राद्ध, पिंडदान, ब्राह्मण भोजन, तर्पण आदि किया जाता है। ...