Pitru Paksha 2024: श्राद्ध हुए प्रारंभ, पितरों के तर्पण और शांति के लिए जरूर करें ये 4 उपाय

By रुस्तम राणा | Published: September 17, 2024 04:15 PM2024-09-17T16:15:47+5:302024-09-17T16:15:47+5:30

हिन्दू मान्यता के अनुसार, पितृ ऋण चुकाने के लिए शास्त्रों में श्राद्ध कर्म करने का विधान बताया गया है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद पूर्णिमा से पितृ पक्ष प्रारंभ होता है, जो आश्विन मास की अमावस्या तक चलता है।  

Pitru Paksha 2024: Shradh has started, do these 4 measures for the offering and peace of ancestors | Pitru Paksha 2024: श्राद्ध हुए प्रारंभ, पितरों के तर्पण और शांति के लिए जरूर करें ये 4 उपाय

Pitru Paksha 2024: श्राद्ध हुए प्रारंभ, पितरों के तर्पण और शांति के लिए जरूर करें ये 4 उपाय

Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष आज (17 सितंबर) से प्रारंभ हो गए हैं और इसका समापन  02 अक्टूबर 2024 को सर्व पितृ अमावस्या के साथ होगा। पितृ पक्ष को श्राद्ध भी कहते हैं। पितृ पक्ष में पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म करने का विधान है। हिन्दू मान्यता के अनुसार, पितृ ऋण चुकाने के लिए शास्त्रों में श्राद्ध कर्म करने का विधान बताया गया है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद पूर्णिमा से पितृ पक्ष प्रारंभ होता है, जो आश्विन मास की अमावस्या तक चलता है।  

15 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में पितृ तर्पण हेतु श्राद्ध कर्म किए जाते हैं, जो मुख्य रूप से पितृ ऋण चुकाने के लिए किया जाता है। किंतु श्राद्ध करते समय कुछ कार्य नितांत ही आवश्यक माने गए हैं। इनके बिना श्राद्ध पूर्ण नहीं माना जाता है। 

श्राद्ध पक्ष के नियम और उपाय

नियमों के अनुसार, श्राद्ध पक्ष में रोजाना अपने दिवंगत पूर्वजों के तर्पण हेतु जल, जौं और काले तिल के साथ पुष्पों का प्रयोग करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से पितृगण प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। 

श्राद्ध पक्ष में पितरों की मृत्यु तिथि के दिन श्राद्ध करने का विधान होता है। इस दिन पूर्वजों के निमित्त विशेष भोजन बनाया जाता है। श्राद्ध तिथि के दिन बाह्रणों को भी भोजन कराना चाहिए। ऐसा करने से पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है।

श्राद्ध पक्ष में पितरों के नाम से श्रीमद् भागवत कथा करवाने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। कहते हैं इससे उनकी आत्मा तृप्त होती है। उनके नाम से गरूड़ पुराण का पाठ, नारायण बली, त्रिपिंडी श्राद्ध करना उत्तम माना गया है। ऐसा करने से कुंडली में पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

श्राद्ध के दौरान प्रतिदिन पीपल या बरगद के पेड़ पर जल चढ़ाना चाहिए। दोनों वृक्ष देवतुल्य हैं। इन पर जल और काले तिल चढ़ाने से पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है और जातकों के जीवन में धन-समृद्धि आती है।

श्राद्ध पक्ष में गाय, कुत्ते, कौवे और चींटियों को भोजन कराना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से पितृगण प्रसन्न होते हैं और वे अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

Web Title: Pitru Paksha 2024: Shradh has started, do these 4 measures for the offering and peace of ancestors

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