पेगासस स्पाईवेयर एक सॉफ्टवेयर जिसका इस्तेमाल किसी के स्मार्टफोन को हैक करने के लिए किया जाता है। पेगासस स्पाईवेयर (जासूस सॉफ्टवेयर) इसराइल की साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ ने बनाया है। ऐसे आरोप हैं कि दुनिया के कई देशों ने इसे खरीदा है और इसके जरिए जासूसी कराती हैं। हालांकि कंपनी और इसे खरीदने वाली सरकारें कहती हैं कि वे सुरक्षा के मकसद और आतंकवाद पर रोक में मदद हासिल करने के लिए खरीदती हैं। हालांकि सरकारों द्वारा इसके दुरुपयोग को लेकर आरोप लगते रहे हैं। Read More
जुलाई 2021 में द वायर सहित अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संगठनों के एक संघ ने दुनियाभर के देशों में पेगासस के उपयोग का खुलासा किया था। भारत में एमनेस्टी इंटरनेशनल की सुरक्षा लैब द्वारा किए गए फोरेंसिक विश्लेषण के माध्यम से पेगासस के इस्तेमाल के 10 से अधिक मा ...
नई दिल्ली: पेगासस जासूसी मामले के बाद अब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार टेक फॉग नाम की ऐप को लेकर गंभीर सवालों के घेरे में आ गई है। टेक फॉग ऐप से जुड़े खुलासे 'द वायर' वेबसाइट ने अपनी रिपोर्ट में की है और दावा किया है कि भाजपा का आईटी सेल , भाजपा के मं ...
पेगासस की कथित तौर पर उन सरकारों को आपूर्ति की गई थी जो राजनीतिक असंतुष्टों, पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी करने के लिए इसका इस्तेमाल करते थे। ...
बैठक में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सदन में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा एवं मुख्य सचेतक जयराम रमेश, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, मुख्य सचेतक के. सुरेश और कुछ अन्य नेता शामिल हुए। ...
तीन सदस्यीय समिति में एक प्रमुख सदस्य आलोक जोशी हैं जो रॉ और राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (एनटीआरओ) के पूर्व प्रमुख हैं। वे अमेरिका के लिए रवाना हो गए हैं और अगले सप्ताह लौटेंगे। ...
सोमवार को इजरायल के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि एनएसओ और एक अन्य कंपनी कैंडिरू पर से प्रतिबंध हटाने की बाइडन प्रशासन से मांग की जाएगी क्योंकि उनकी गतिविधियां दोनों ही देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. ...
इजरायल के विदेश मंत्री येर लैपिड ने कहा कि एनएसओ एक निजी कंपनी है. यह कोई सरकारी प्रोजेक्ट नहीं है और इसलिए इसे ब्लैकलिस्ट किया गया है तो इसका इजरायली सरकार की नीतियों से कोई संबंध नहीं है. ...
अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने कहा कि अमेरिकी सरकार की कार्रवाई अमेरिकी विदेश नीति के केंद्र में मानवाधिकारों को रखने के प्रयासों का हिस्सा है और इसका उद्देश्य नागरिकों की डिजिटल सुरक्षा में सुधार करना, साइबर खतरों का मुकाबला करना और गैरकानूनी निगरानी को क ...