नवरात्रि यानी 'नौ-रात'। हिन्दू धर्म में ये त्योहार वर्ष में चार बार आता है-चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ। चैत्र में चैत्र नवरात्रि और अश्विन में इस पर्व को शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इन दो नवरात्रि से ठीक पहले गुप्त नवरात्रि आते हैं, जिन्हें गुप्त एवं तांत्रिक साधनाओं के लिए जाना जाता है। लेकिन हिन्दू परिवारों में चैत्र और शारदीय नवरात्रि का महत्व है और इसे ही विशेष रूप से मनाया जाता है। Read More
माता चंद्रघंटा का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है। माता के तीन नैत्र और दस हाथ हैं। इनके कर-कमल गदा, बाण, धनुष, त्रिशूल, खड्ग, खप्पर, चक्र और अस्त्र-शस्त्र हैं, अग्नि जैसे वर्ण वाली, ज्ञान से जगमगाने वाली दीप्तिमान देवी हैं चंद्रघंटा। ...
शारदीय नवरात्रि में देवी दुर्गा अपने उग्र स्वरूप में होती हैं। इसलिए विनम्रता से देवी की आराधना करना काफी जरूरी होता है। खासकर दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना होता है। ...
मां ब्रह्मचारिणी को बुद्धि और ज्ञान की देवी भी कहा गया है। मां की आराधना से विद्यार्थियों को विशेष लाभ प्राप्त होता है। शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों को इस दिन मां की अर्चना अवश्य करनी चाहिए। ...
आज से नवरात्रि प्रारंभ होकर 7 अक्तूबर तक चलेंगे। 8 अक्तूबर को विजयदशमी पर देवी की प्रतिमाओं का विसर्जन होगा। नवरात्रि के पहले दिन प्रतिपदा पर घरों में कलश स्थापना की जाती है। ...
डांडिया नाइट्स हो और गरबा के लिए बेहतरीन सॉग्स चुनने हों तो बॉलीवुड से बेहतर ऑप्शन और कहीं नहीं मिल सकता। फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे बहुत से गाने हैं जिसे सुनकर आपको बस डांस करने का मन हो जाएगा। ...
इस बार नवरात्र में सर्वार्थसिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग एकसाथ बनते नजर आएंगे। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस सर्वसिद्धि योग को बेहद शुभ माना जा रहा है। ...
शास्त्रों के अनुसार मां शैलपुत्री चंद्रमा पर आधिपत्य है। मां शैलपुत्री अपने भक्तों को सभी प्रकार का सौभाग्य प्रदान करती हैं। मां शैलपुत्री की पूजा करने से चंद्रमा के सभी दोष समाप्त हो जाते हैं। ...
साल में 4 नवरात्र पड़ते हैं लेकिन इनमें सबसे अधिक मान्यता चैत्र और शारदीय नवरात्र की है। चैत्र नवरात्र चैत्र महीने में जबकि शारदीय नवरात्र अश्विन मास में पड़ता है। ...