नासा का गठन 19 जुलाई 1948 को हुआ था। नेशनल एडवाइजरी कमिटी फॉर एरोनॉटिक्स (एनएसीए) के स्थान पर किया गया था। इस संस्था ने 1 अक्टूबर 1948 से कार्य करना शुरू किया। अमेरिका सरकार की शाखा है जो देश के सार्वजनिक अंतरिक्ष कार्यक्रमों व एरोनॉटिक्स व एरोस्पेस संशोधन के लिए जिम्मेदार है Read More
लैंडर को सफलतापूर्वक चांद की सतह पर उतारने के लिए इसमें कई तरह के सुरक्षा उपकरणों को लगाया गया है। इसरो इस बार कोई खतरा उठाना नहीं चाहता और यही कारण है कि अगर अनुकूल परिस्थितियां नहीं रहीं तो लैंडिंग का समय बढ़ाकर इसे सितंबर में भी किया जा सकता है। ...
शेकलटन क्रेटर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर स्थित है। शेकलटन क्रेटर (Shackleton Crater)। यह एक ऐसी जगह है जहां अब तक दुनिया के किसी भी देश ने अपना लैंडर उतारने का कारनामा नहीं किया है। ...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका अंतरिक्ष सहयोग को आगे बढ़ाएंगे। दोनों देश मानव अंतरिक्ष उड़ान, ग्रह रक्षा और वाणिज्यिक अंतरिक्ष गतिविधि के तीन क्षेत्रों में अंतरिक्ष से संबंधित सहयोग पर चर्चा करेंगे। ...
चीन का अंतरिक्ष कार्यक्रम तेजी से विस्तार कर रहा है और हाल के वर्षों में तेजी से आक्रामक भी हो गया है। अमेरिका को इस क्षेत्र में पीछे छोड़ने की कोशिशों में जुटे चीन ने अब एक साथ 41 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में लॉन्च करके नया कीर्तिमान बना दिया है। ...
वैज्ञानिकों ने सौर तूफान को G1 से G5 तक कुल 5 श्रेणियों में बांटा है। शोधकर्ताओं के मुताबिक 21 मई को पृथ्वी पर आने वाला सौर तूफान G1-श्रेणी का एक हल्का सौर तूफान होगा। ...
पृथ्वी से इतर अंतरिक्ष में किसी और ग्रह या आकाशीय पिंड पर जीवन तलाशने की कोशिश के तहत नासा अब एक सांप जैसा रोबोट बना रहा है। इसे शनि ग्रह के छठे सबसे बड़े चंद्रमा एन्सेलेडस पर भेजने की तैयारी हो रही है। ...
2023 HZ3 नामक क्षुद्रग्रह का आकार 19 मीटर (लगभग 62 फुट) है। इसका आकार ही चिंता का सबसे बड़ा कारण है क्योंकि अगर यह धरती से टकराया तो गंभीर नुकसान हो सकता है। ...