चीन ने एक साथ 41 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में लॉन्च कर नया कीर्तिमान बनाया, नासा को टक्कर देने की कोशिश
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: June 16, 2023 08:33 PM2023-06-16T20:33:37+5:302023-06-16T20:35:14+5:30
चीन का अंतरिक्ष कार्यक्रम तेजी से विस्तार कर रहा है और हाल के वर्षों में तेजी से आक्रामक भी हो गया है। अमेरिका को इस क्षेत्र में पीछे छोड़ने की कोशिशों में जुटे चीन ने अब एक साथ 41 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में लॉन्च करके नया कीर्तिमान बना दिया है।
नई दिल्लीः अंतरिक्ष में अपनी क्षमता लगातार बढ़ाने और अमेरिका को इस क्षेत्र में पीछे छोड़ने की कोशिशों में जुटे चीन ने अब एक साथ 41 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में लॉन्च करके नया कीर्तिमान बना दिया है। चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुआ की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने इस घटना को 15 जून को अंजाम दिया।
समाचार एजेंसी ने ये भी बताया है कि सैटेलाइट्स लांचिंग के लिए लॉन्ग मार्च 2डी रॉकेट का प्रयोग किया गया। ये पहली बार है जब चीन ने एक ही रॉकेट से 41 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में लॉन्च हो। चीन का ये ऐतिहासिक कारनामा अंतरिक्ष में उसकी बढ़ती महत्वकांक्षाओं को भी दिखाता है।
चीनी समाचार एजेंसी ने बताया कि शांशी प्रान्त के ताइयुआन सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से दोपहर 1.30 बजे (स्थानीय समयानुसार) रॉकेट ने उड़ान भरी और फिर इन सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में पहुंचाया। अंतरिक्ष में भेजी गईं ये सैटेलाइट्स कमर्शियल रिमोट सेंसिंग सर्विस और उससे संबंधित टेक्नोलॉजी वेरिफिकेशन का काम करने वाली हैं। इसके जरिए अंतरिक्ष में किसी खास जगह का पता लगाया जाता है।
बता दें कि अंतरिक्ष में चीन की बढ़ती महत्वकांक्षाएं किसी से छिपी नहीं हैं। चीन अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा को टक्कर देने के लिए लगातार कोशिशें कर रहा है। यहां तक कि चीन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन का हिस्सा नहीं है। इसके बजाय उसने अंतरिक्ष में अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाया है। वह साल 2030 से पहले चंद्रमा पर मानव मिशन भेजने की तैयारी में भी है।
चीन का अंतरिक्ष कार्यक्रम तेजी से विस्तार कर रहा है और हाल के वर्षों में तेजी से आक्रामक भी हो गया है। चीन ने चंद्रमा, मंगल और अन्य ग्रहों पर अंतरिक्ष स्थलों का पता लगाने के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं और इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए सफल मिशनों की एक श्रृंखला शुरू की है। चीन दोबारा प्रयोग किए जाने वाले रॉकेट, स्पेसप्लेन और उन्नत अंतरिक्ष यान जैसी उन्नत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियां भी विकसित कर रहा है, और नेविगेशन, संचार और रिमोट सेंसिंग सिस्टम जैसे अंतरिक्ष-आधारित बुनियादी ढांचे में भारी निवेश कर रहा है। हालांकि चीन के अंतरिक्ष कार्यक्रम संदेह के घेरे में भी हैं और कुछ देशों और विशेषज्ञों का मानना है कि वह इसका इस्तेमाल सैन्य गतिविधियों में करेगा।