इसरो के साथ मिलकर चंद्रमा और मंगल पर मिशन काम करना चाहता है अमेरिका, नासा ने आगे बढ़कर दिया प्रस्ताव
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: June 19, 2023 06:34 PM2023-06-19T18:34:35+5:302023-06-19T18:36:08+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका अंतरिक्ष सहयोग को आगे बढ़ाएंगे। दोनों देश मानव अंतरिक्ष उड़ान, ग्रह रक्षा और वाणिज्यिक अंतरिक्ष गतिविधि के तीन क्षेत्रों में अंतरिक्ष से संबंधित सहयोग पर चर्चा करेंगे।
नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के कुछ दिन पहले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भारत के साथ मिलकर चंद्रमा और मंगल पर मिशन पर साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई है। नासा के अधिकारी नासा के आर्टेमिस समझौते के लिए भारत में रोपिंग के बारे में बात कर रहे हैं। यह कार्यक्रम 2025 तक मनुष्यों को चंद्रमा पर ले जाने वाला एक अमेरिकी नेतृत्व वाला प्रयास है। इस मिशन का अंतिम लक्ष्य मंगल और उससे आगे अंतरिक्ष अन्वेषण का विस्तार करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 से 25 जून तक अमेरिका की पहली आधिकारिक राजकीय यात्रा पर जा रहे हैं। इस दौरे को लेकर को लेकर दोनों देश उत्साहित हैं और माना जा रहा है कि इस दौरान कई अहम रक्षा और औद्यौगिक समझौते हो सकते हैं।
एक अमेरिकी अंतरिक्ष विशेषज्ञ ने आशा व्यक्त की कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग अगले सप्ताह व्हाइट हाउस में पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के बीच चर्चा के प्रमुख क्षेत्रों में से एक होगा। नासा प्रशासक कार्यालय से जुड़े भव्य लाल जो कि प्रौद्योगिकी, नीति और रणनीति के मामले संभालते हैं, ने कहा कि अब तक, आर्टेमिस समझौते के लिए 25 हस्ताक्षरकर्ता हैं और उम्मीद है कि भारत 26वां देश बन जाएगा।
अमेरिकी अंतरिक्ष विशेषज्ञ और नासा में अंतरिक्ष नीति और साझेदारी के पूर्व सहयोगी प्रशासक माइक गोल्ड ने कहा है कि अमेरिका और भारत के बीच संबंध पृथ्वी और अंतरिक्ष दोनों में महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने भारत को एक "सोई हुई विशाल शक्ति" कहा। माइक गोल्ड को आर्टेमिस समझौते का एक वास्तुकार माना जाता है। गोल्ड ने भी भारत से अमेरिका के चंद्र कार्यक्रम में शामिल होने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की कि नासा इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान में सहयोग करेगा, और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक गंतव्य बन जाएगा।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका अंतरिक्ष सहयोग को आगे बढ़ाएंगे। दोनों देश मानव अंतरिक्ष उड़ान, ग्रह रक्षा और वाणिज्यिक अंतरिक्ष गतिविधि के तीन क्षेत्रों में अंतरिक्ष से संबंधित सहयोग पर चर्चा करेंगे।
रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढाने के लिए पीएम मोदी के इस दौरे के दौरान प्रीडेटर ड्रोन के भारत आने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। करीब तीन बिलियन अमेरिकी डॉलर यानी भारतीय रुपये में लगभग 246 अरब के सौदे से भारत खतरनाक प्रीडेटर ड्रोन खरीदने वाला है। इस यात्रा के दौरान जेट इंजन के निर्माण पर भी सहमति बन सकती है।