भारतीय संविधान में भीड़ के द्वारा की गई हिंसा के लिए कोई कानून नहीं बनाया गया था। इसका फायदा उठाकर भारत में कई वारदातों को भीड़ ने अंजाम दिया। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मुताबिक भारत की सबसे बड़ी मॉब लिंचिंग साल 1984 में हुई थी। जबकि कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियों के मुताबिक नरेंद्र मोदी सरकार में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ गई हैं। हालांकि मॉब लिंचिंग का इंतिहास पुराना है। साल 1947 में जब हिन्दुस्तान को आजादी मिली और देश के दो टुकड़े हुए, भारत और पाकिस्तान, तब भी भीड़ ने कइयों को मौत के घाट उतार दिया था। तब उसे दंगे का नाम दिया गया था। लेकिन कई जगहों पर भारी मॉब लिंचिंग हुई थी। Read More
बिहारः पोस्टमास्टर लवली कुमारी रविवार की देर शाम को अपने घर में बैठी हुई थी. बाइक सवार टेंगराहा निवासी अस्मित कुमार हथियार लहराते हुए वहां पहुंचा और घर में घुसकर लवली कुमारी के सीने में गोली मार दी. गोली लगने से गंभीर रूप से जख्मी लवली जमीन पर गिर पड ...
बीते महीने कथित चोरी को लेकर इस युवक के साथ भीड़ ने मारपीट की थी और इस घटना का एक कथित वीडियो सामने आया है जिसमें कुछ लोग पीड़ित को ‘जय श्री राम’ और ‘जय हनुमान’ बोलने के लिए विवश करते हुए दिखे। ...
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस दौरान काफी बडी संख्या में भीड़ जमा हो गई और लोगों ने महिला को चोर कहते हुए उसे सडक पर भी घसीटा. इस दौरान वहां मौजूद किसी व्यक्ति ने इस पूरी घटना का वीडियो बना लिया जो बाद में वायरल हो गया. ...
घटना मध्य प्रदेश के नीमच जिले के कुकड़ेश्वर थाना क्षेत्र के गांव लसूडिया आतरी की है। जहां गांव वालों ने शुक्रवार (19 जुलाई) की रात चार चोरों को पकड़ा, जिनपर कथित तौर पर मोर की चोरी का आरोप लगा। ...
आजम खान शुक्रवार को भी चर्चा में रहे जब उनके खिलाफ भूमि अतिक्रमण को लेकर 23 एफआईआर दर्ज होने की बात सामने आई। आजम खान ने इसे अपने खिलाफ बीजेपी की साजिश बताया है। ...
पिछले साल 17 जुलाई को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि “भीड़तंत्र के भयानक कृत्यों” को कानून को अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती और लिंचिंग एवं गौरक्षा के नाम पर हिंसा करने वालों से निपटने के लिए दिशा ...