बिहार: भैंस चोरी के आरोप में तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या
By भाषा | Published: July 20, 2019 02:59 AM2019-07-20T02:59:11+5:302019-07-20T02:59:11+5:30
पुलिस अधीक्षक हर किशोर राय ने बताया कि इनमें से दो की मौत घटनास्थल पर हो गई जबकि तीसरे व्यक्ति की मौत चोट की वजह से अस्पताल ले जाने के दौरान हुयी।
बिहार के सारन जिले में शुक्रवार को भैंस चुराने की कोशिश करने के आरोप में तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। हालांकि पीड़ित परिवारों ने इस आरोप को सीधे तौर पर खारिज कर दिया। यह घटना बनियापुर थाना के अंतर्गत आने वाले पिथौड़ी गांव के नंदलाल टोला में तड़के हुई। मृतकों राजू नट, बिदेश नट और नौशाद कुरैशी पर एक भीड़ ने भैंस चुराने की कोशिश का आरोप लगाते हुए हमला कर दिया था।
पुलिस अधीक्षक हर किशोर राय ने बताया कि इनमें से दो की मौत घटनास्थल पर हो गई जबकि तीसरे व्यक्ति की मौत चोट की वजह से अस्पताल ले जाने के दौरान हुयी। अधिकारी ने यह भी बताया कि दो-तीन लोगों को पूछताछ के लिए गिरफ्तार किया गया है लेकिन उन्होंने विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया। कथित हमलावरों और मृतक परिवारों के बीच यहां झड़प भी हुई जिसके बाद पुलिस उपाधीक्षक अजय कुमार सिंह घटनास्थल पर पहुंचे।
मृतकों के परिवारों का दावा है कि पीड़ित शौच के लिए बाहर गए थे और इसी दौरान गलत आरोप लगाकार उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। सिंह ने संवादाताओं को बताया, ‘‘ हम यह निश्चित तौर पर कह सकते हैं कि भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की गई जिन हत्याओं का मामला हम सुनते हैं, यह वैसा नहीं है। जिस मवेशी को चुराने की कोशिश करने का आरोप है, वह भैंस है।
हमलावर और मृतक दोनों एक ही सामाजिक समूह से ताल्लुक रखते हैं। हमलावरों की पहचान की जाएगी और कानून को अपने हाथों में लेने के लिए उनके खिलाफ मामले भी दर्ज होंगे।’’ कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए गांव में बड़ी संख्या में पुलिस को तैनात कर दिया गया है। वहीं दोनों तरफ के लोग बनियापुर पुलिस थाने में हैं और एक-दूसरे के खिलाफ मामला दर्ज करने पर जोर दे रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि पीड़ितों के परिवारों ने सदर अस्पताल में तोड़फोड़ की। शवों को यहां पोस्टमार्टम के लिए लाया गया था। इस दौरान पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हल्का बलप्रयोग भी किया। इसी बीच भाकपा के सचिव सत्यनारायण सिंह ने पटना में बयान जारी करते हुए इस घटना की निंदा की और कहा कि यह हिंसा बिहार में नीतीश कुमार और केंद्र की मोदी सरकार में भीड़ द्वारा किए जा रहे शासन का दूसरा उदाहरण है। उन्होंने न्यायिक जांच की मांग की।