जब गेंदबाज गेंद फेंकने के दौरान नॉन स्ट्राइकिंग साइड पर खड़े बल्लेबाज के क्रीज से बाहर निकलने पर गेंद फेंकने के पहले ही रन आउट कर देता है तो उसे मांकड स्टाइल रन आउट कहते हैं। आउट करने का ये तरीका पहली बार 13 दिसंबर, 1947 को टीम इंडिया के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चर्चा में आया था। उस समय सिडनी में खेले गए दूसरे टेस्ट में टीम इंडिया के गेंदबाज वीनू मांकड़ ने पहली बार इस तरीके से किसी बल्लेबाज को आउट किया था और ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज बिल ब्राउन को शिकार बनाया था। तभी से आउट करने के इस तरीके को अनौपचारिक रूप से 'मांकड़ आउट' या मांकड़िंग कहा जाने लगा। इसके अलावा कपिल देव ने दक्षिण अफ्रीका के पीटर कर्स्टन को 1992-93 की सीरीज के दौरान मांकड़िंग से आउट किया था। वहीं घरेलू क्रिकेट में स्पिनर मुरली कार्तिक ने बंगाल के संदीपन दास को रणजी ट्रॉफी मैच में इसी तरह से आउट किया था। Read More
अश्विन द्वारा मांकड़िंग के शिकार इंग्लैंड के बल्लेबाज जोस बटलर ने मांग की है कि अधिकारियों को बल्लेबाज को आउट करने के इस विवादित तरीके के कमजोर पहलुओं को दुरूस्त करना चाहिए। ...