साल 2018 में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने तय हुए हैं। यहां प्रमुख मुकाबला सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस) में होगा। यहां कांग्रेस ने पहला कदम उठाते हुए वरिष्ठ नेता कमल नाथ को चुनाव प्रभारी बनाया है। Read More
मध्य प्रदेश में भाजपा को कांग्रेस से ज्यादा वोट प्रतिशत मिला था. लेकिन सीटों के मामले में पार्टी पिछड़ गई. भाजपा का ये मानना है कि कर्नाटक और मध्य प्रदेश में नैतिक रूप से उसे सत्ता में आने का पूरा हक़ है. और यह इंतजार केवल लोकसभा चुनाव तक ही रहेगा और उ ...
गर्भ गृह में भाजपा विधायकों के द्वारा किए जा रहे शोर शराबे और हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने तीन बार कार्यवाही को 10-10 मिनट के लिए स्थगित किया. इसके बाद भी जब बात नहीं बनी तो विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने ध्वनिमत से कांग्रेस की प्रत्याशी हिना ...
लोकसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश भाजपा द्वारा किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने की रणनीति बनाए जाने के बाद अब कांग्रेस और सरकार ने किसानों के बीच पहुंचकर सरकार की ब्रांडिंग करने का फैसला लिया है. ...
मोदी सरकार के इस फैसले के पीछे संघ का भी दबाव हो सकता है. क्योंकि जिस तरह से सवर्णों का मोहभंग मोदी सरकार से हो रहा था, उससे संघ की भी चिंताएं बढ़ने लगी थी. सरकार ने इस फैसले के साथ ही अपने कोर वोटर्स को एक बार फिर साध लिया है. ...
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले 13 साल से हर महीने के पहले कामकाजी दिन भोपाल स्थित मंत्रालय (सचिवालय) में राष्ट्र गीत ‘वंदे मातरम’ गाने की परंपरा टूटने की बुधवार को आलोचना की थी। ...
पिछले करीब 13 साल से हर महीने के पहले कामकाजी दिन भोपाल स्थित मंत्रालय में राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ गाने की चली आ रही परंपरा मंगलवार को टूट गई । नए साल के पहले कार्य दिवस एक जनवरी को मंत्रालय में ‘वंदे मातरम’ नहीं गाया गया। ...
कांग्रेस ने इस बार सभी बड़े नेताओं को चुनाव में उतारा था. राजे मंत्रिमंडल में नंबर दो रहे पूर्व गृहमंत्री गुलाबचन्द कटारिया के खिलाफ पूर्व केन्द्रीय मंत्री गिरिजा व्यास को चुनाव लड़वाया गया था, लेकिन वे चुनाव हार गई. ...