कर्नाटक और मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव तक इंतजार करेगी बीजेपी, उसके बाद बाजी पलटना तय!

By विकास कुमार | Published: January 14, 2019 02:53 PM2019-01-14T14:53:30+5:302019-01-14T14:53:30+5:30

मध्य प्रदेश में भाजपा को कांग्रेस से ज्यादा वोट प्रतिशत मिला था. लेकिन सीटों के मामले में पार्टी पिछड़ गई. भाजपा का ये मानना है कि कर्नाटक और मध्य प्रदेश में नैतिक रूप से उसे सत्ता में आने का पूरा हक़ है. और यह इंतजार केवल लोकसभा चुनाव तक ही रहेगा और उसके बाद बाजी पलटना तय है.

BJP will reclaim power in Madhya Pradesh and Karnatak after Lok Sabha election | कर्नाटक और मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव तक इंतजार करेगी बीजेपी, उसके बाद बाजी पलटना तय!

कर्नाटक और मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव तक इंतजार करेगी बीजेपी, उसके बाद बाजी पलटना तय!

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 109 सीटें प्राप्त हुई थी और कांग्रेस को 114. बाकी दो राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने परिणाम के दिन दोपहर होते-होते हार को स्वीकार कर लिया था लेकिन मध्य प्रदेश में मध्य रात्रि तक मीडिया के कैमरे शिवराज सिंह चौहान का दीदार करने के लिए तरसती रह गई. ऐसा कहा जा रहा था कि शिवराज और अमित शाह निर्दलियों में तोड़-फोड़ मचाने के लिए तैयार थे लेकिन ये प्लान नरेन्द्र मोदी को पसंद नहीं आया. और ऐसा कहा जाता है कि पीएमओ ने इस मामले में दखल दिया और अमित शाह को पीछे हटना पड़ा.

बाद में बीजेपी की रणनीति को दिग्विजय सिंह ने भी मीडिया के सामने रखा. उन्होंने कहा कि बीजेपी अंतिम समय तक तोड़-फोड़ करना चाह रही थी, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाया. हाल-फिलहाल में सिंह ने एक बार फिर कहा कि बीजेपी विधायकों को 100 करोड़ रुपये का ऑफर दे रही थी. आखिर नरेन्द्र मोदी ने होने वाले तोड़-फोड़ को क्यों रोका? इसका सीधा जवाब है कि लोकसभा चुनाव नजदीक है और मोदी इस वक्त कोई रिस्क नहीं लेना चाहते थे. गोवा में इसी तरह सरकार बनाने के कारण उनकी आलोचना पहले ही हो चुकी थी.

सत्ता का नैतिक हक  

कर्नाटक में कांग्रेस ये आरोप लगा रही है कि बीजेपी के नेता बार-बार विधायकों को प्रलोभन दे रहे हैं और उन्हें डरा-धमका रहे हैं.  कर्नाटक कांग्रेस के कद्दावर नेता डी.के.शिवकुमार ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि हमारी पार्टी के तीन विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं और ये सब ऑपरेशन लोटस के तहत किया जा रहा है. ये आरोप क्या कांग्रेस लोकसभा चुनाव से पहले अपने पक्ष में नैतिक समर्थन को बढ़ाने के लिए लगा रही है, या इन आरोपों में वाकई दम है. 

कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी 

कर्नाटक चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई थी लेकिन कांग्रेस ने जिस तरह से जेडीएस को समर्थन देते हुए बीजेपी को सत्ता से दूर रखा, उससे बीजेपी के नेता आज तक उबर नहीं पाए हैं. कर्नाटक बीजेपी के नेताओं का मानना है कि जनता ने मैंडेट उनके पक्ष में दिया था इसलिए सत्ता भी उन्हें ही मिलनी चाहिए. लेकिन आलाकमान के दबाव के कारण वो पूरी तरह नहीं खेल पा रहे हैं. लेकिन उनकी भावनाएं रह-रह के सामने आ रही हैं.

कांग्रेस ने 39 सीटों वाली जेडीएस के चीफ कुमारस्वामी को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया इसके कारण उन्हें अब भाजपा की तरफ से भी लगातार चुनौतियां मिल रही हैं. कांग्रेस ने अपने विधायकों को पॉलिटिकल हनीमून के लिए गोवा भेजकर भारतीय जनता पार्टी के तोड़-फोड़ से बचाया था. लेकिन अब बार-बार गोवा भेजना पार्टी के लिए भी संभव नहीं है क्योंकि वहां भी बीजेपी की सरकार है जो राजनीतिक कलाबाजियों का ही परिणाम है.

मध्य प्रदेश में भाजपा को कांग्रेस से ज्यादा वोट प्रतिशत मिला था. लेकिन सीटों के मामले में पार्टी पिछड़ गई. भाजपा का ये मानना है कि कर्नाटक और मध्य प्रदेश में नैतिक रूप से उसे सत्ता में आने का पूरा हक़ है. और यह इंतजार केवल लोकसभा चुनाव तक ही रहेगा और उसके बाद बाजी पलटना तय है.   

Web Title: BJP will reclaim power in Madhya Pradesh and Karnatak after Lok Sabha election

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