वंदे मातरम विवाद : बीजेपी ने पूछा, 'कमलनाथ कुछ लोगों के दबाव में तो नहीं हैं'
By भाषा | Published: January 2, 2019 03:35 PM2019-01-02T15:35:11+5:302019-01-02T15:35:11+5:30
पिछले करीब 13 साल से हर महीने के पहले कामकाजी दिन भोपाल स्थित मंत्रालय में राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ गाने की चली आ रही परंपरा मंगलवार को टूट गई । नए साल के पहले कार्य दिवस एक जनवरी को मंत्रालय में ‘वंदे मातरम’ नहीं गाया गया।
मध्यप्रदेश में हर महीने के पहले कामकाजी दिन भोपाल स्थित मंत्रालय में राष्ट्रीय गीत "वंदे मातरम" गाने की 13 साल पुरानी परंपरा टूटने को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस की नयी सरकार के मुख्यमंत्री कमलनाथ पर बुधवार को निशाना साधा।
विजयवर्गीय ने यहां संवाददाताओं से कहा, "कमलनाथ को स्पष्ट करना चाहिये कि उनकी सरकार इस अच्छी परंपरा को बदलना क्यों चाहती है। कहीं ऐसा तो नहीं है कि मुख्यमंत्री उन लोगों के दबाव में आ गये हैं, जो वंदे मातरम गाये जाने से अपनी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचने की बात करते रहे हैं।"
उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों का कर्ज माफ करने के चुनावी मुद्दे पर कमलनाथ सरकार ने सूबे के अन्नदाताओं से वादाखिलाफी की है।
भाजपा महासचिव ने कहा, "सूबे के सभी किसानों का कर्ज माफ नहीं किया जा रहा है। चुनिंदा किसानों को कर्ज माफी योजना का लाभ मिल रहा है। नतीजतन हालिया विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को वोट देने वाले किसान अब पछता रहे हैं।"
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि प्रदेश में कई स्थानों पर शीतलहर के प्रकोप से किसानों की फसल को बड़ा नुकसान होने के बावजूद कांग्रेस सरकार के मंत्री, सत्तारूढ़ दल के विधायक और आला अधिकारी मैदानी स्तर पर अब तक निष्क्रिय हैं।