श्रम अधिनियम या श्रम कानून किसी राज्य द्वारा निर्मित उन कानूनों को कहते हैं जो श्रमिक (कार्मिकों), रोजगार प्रदाताओं, ट्रेड यूनियनों तथा सरकार के बीच सम्बन्धों को पारिभाषित करतीं हैं। श्रमिक समाज के विशिष्ट समूह होते हैं। इस कारण श्रमिकों के लिये बनाये गये विधान एक अलग श्रेणी में आते हैं। Read More
New Labour Codes: ये चार संहिताएं हैं-वेतन संहिता 2019, औद्योगिक संबंध संहिता 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य तथा कार्य शर्त संहिता 2020. ...
कुछ बिज़नेस ने अपना पूरा ऑपरेशनल फ्रेमवर्क इन एजेंसियों द्वारा रखे गए कॉन्ट्रैक्ट वर्कर के आस-पास बनाया है। हालांकि, चार नए लेबर कोड के लागू होने से कुछ खास पाबंदियां लगी हैं, जिनके लिए कंपनियों को अपने मौजूदा इंतज़ामों को फिर से देखना होगा। ...
उन्होंने अपने ‘गिरमिट’ की अवधि खत्म होने के बाद कुछ दिनों तक फिजी में एक छोटे किसान और पुजारी का जीवन भी जिया था, जो बाद में उनके उक्त संकल्प की पूर्ति में बहुत काम आया. ...
निजी जासूसी एजेंसी लेंट्ज़ ग्रुप का हवाला देते हुए एजेंस फ्रांस-प्रेस ने रिपोर्ट दी है कि कंपनियों में ऐसे कर्मचारियों की जांच करने के अनुरोधों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिनके बीमार होने का संदेह है, जबकि वे काम करने के लिए फिट हैं। ...
बाल श्रम किसी भी मुल्क के माथे पर सामाजिक कलंक जैसा होता है। सन् 2002 में इस बुराई के विरुद्ध प्रतिवर्ष 12 जून के दिन अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की पहल पर 'विश्व बालश्रम निषेध दिवस' मनाना आरंभ हुआ। ...