महाकुंभ या कुंभ मेला हर 12 वर्षों में चार स्थानों - प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन, नासिक पर आयोजित किया जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार देवताओं और राक्षसों का युद्ध 12 दिनों तक चला था। स्वर्ग का एक दिन पृथ्वी के एक वर्ष के समान होता है। इसलिए महाकुंभ 12 वर्षों में चार बार किया जाता है।आदि शंकराचार्य द्वारा पहली इस महा उत्सव की शुरुआत की गई थी। उन्होंने ही चार मुख्य तीर्थों को कुंभ मेले के चार पीठ के रूप में स्थापित कराया था। कुंभ मेले के दौरान देश दुनिया से दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं। सभी का एक ही मकसद होता है पवित्र स्नान में डुबकी लगाना। मान्यता है कि कुंभ मेले के दौरान पवित्र स्नान करने से पिछले और इस जन्म के सभी पाप धुल जाते हैं। Read More
प्रयागराज में 14 जनवरी से शुरू होने वाले कुंभ मेले के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। रात में संगम का इलाका दूधिया रौशनी में नहाया दिखा। आप भी देखिए ये वीडियो ...
माघ महीने की पंचमी को हर साल बंसत का ये पर्व मनाया जाता है। इस साल बंसत पंचमी 10 फरवरी को है। माघ मेले में इस दिन भी लोगों की भारी भीड़, गंगा स्नान को जुटती है। ...
Prayagraj Ardh Kumbh Mela 2019: प्रयागराज में कुंभ मेले का आयोजन 15 जनवरी से किया जाएगा, जो चार मार्च तक चलेगा। यूपी की योगी सरकार ने कुंभ मेले के लिए कई स्पेशल सुरक्षाओं का इंतजाम करवाया है। ...
इतिहास में पहली बार आदि शंकराचार्य द्वारा एक महा उत्सव की स्थापना की गई थी, जिसे आज महाकुंभ या कुंभ के नाम से जाना जाता है। इस पर्व के आयोजन के लिए उन्होंने चार मुख्य तीर्थों को कुंभ मेले के चार पीठ के रूप में स्थापित किया था। इसके अलावा मेले में साध ...
कुम्भ नगरी में सेक्टर 14 में अपने शिविर में विशेष बातचीत में पायलट बाबा ने कहा, “हम सन 82 से कुम्भ मेला में शिविर लगा रहे हैं और हमें चार लाख वर्ग फुट से अधिक क्षेत्र मिलता रहा है।” ...
Kumbh Mela 2019 Prayagraj: चार शहरों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में होने वाले इस कुंभ की पौराणिक कथा भी उतनी ही रोमांचक है जितना ये कुंभ का मेला। ...
नागा साधुओं को भगवान शिव के सच्चे भक्त के रूप में संबोधित किया जाता है। ये साधु कुंभ मेले के दौरान भारी संख्या में दिखते हैं। कड़ाके की ठंड में ये साधु निर्वस्त्र घूमते हैं। शरीर पर केवल भस्म लगाते हैं। ...