भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है। इसका मुख्यालय कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में है। यह 15 अगस्त 1969 को स्थापित हुआ था। आजाद भारत का पहला उपग्रह, आर्यभट्ट था। इसे 19 अप्रैल 1975 सोवियत संघ ने शुरू किया था। हालांकि उड़ान भरने के 5 दिन बाद इसने काम करना बंद कर दिया था। फिर भी भारत के लिये एक बड़ी उपलब्धि थी। 7 जून 1979 को भारत ने दूसरा उपग्रह भास्कर लॉन्च किया। इसका वजन 445 किलो का था। इसरो के सबसे भारी, अत्याधुनिक संचार उपग्रह जीसैट-11 का दिसंबर 2018 को तड़के फ्रेंच गुयाना में स्पेसपोर्ट से सफल प्रक्षेपण हुआ। Read More
इसरो ने अपने चंद्रयान-2 मिशन के राकेट जीएसएलवी मार्क-3 के प्रक्षेपण का पूर्वाभ्यास रविवार को पूरा कर लिया. इसरो ने बताया कि पूर्वाभ्यास के दौरान सभी प्रणालियों ने सामान्य रूप से काम किया. विगत 15 जुलाई को तकनीकी गड़बडि़यों का संकेत मिलने के बाद एहतिय ...
भारतीय समयानुसार आर्मस्ट्रांग ने 21 जुलाई को रात 1.48 बजे चंद्रमा पर अपने कदम रखे थे. भारतीय समाचार चैनलों में लाइव अपडेट के साथ ही रेडियो और अखबारों के जरिये हर पल की खबर लोगों तक पहुंच रही थी. ...
हम बैलगाड़ी से चले थे और हमारे वैज्ञानिकों ने एक साथ 104 सैटेलाइट छोड़ने का कमाल भी दिखा दिया. जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है, यदि हमने चांद पर किसी भारतीय को उतार दिया तो यह बहुत बड़ी बात होगी. ...
इसरो ने घोषणा की कि रविवार की शाम छह बजकर 43 मिनट पर प्रक्षेपण के लिए 20 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो गई। इसरो के अनुसार ‘चंद्रयान-2’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा, जहां वह इसके अनछुए पहलुओं को जानने का प्रयास करेगा। ...
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण 22 जुलाई को दोपहर 2 बजकर 43 मिनट पर करेगा। इससे पहले इसरो के दूसरे मून मिशन चंद्रयान-2 को 15 जुलाई को लॉन्च किया जाना था ...
चंद्रमा के लिए भारत के दूसरे मिशन ‘चंद्रयान-2’ के लिए पूरी तरह से तैयार इस प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शुक्रवार को इसरो टीम के चित्रण के लिए फिल्म की प्रशंसा की। ...
बता दें कि भारत ने सोमवार तड़के श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र से होने वाले दूसरे चंद्रमा मिशन, चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण तकनीकी खामी के चलते तय समय से लगभग एक घंटे पहले रद्द कर दिया। ...