इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को जवाहरलाल नेहरू और कमला नेहरू के घर हुआ था। उनके दादा मोतीलाल नेहरू प्रसिद्ध वकील और कांग्रेस के बड़े नेता थे। लालबहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद जनवरी 1966 में इंदिरा गांधी पहली बार देश की प्रधानमंत्री बनीं। इंदिरा भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। इंदिरा 1967 के आम चुनाव में बहुमत हासिल करके दोबारा देश की प्रधानमंत्री बनीं। कांग्रेस जब दो फाड़ में बँट गयी तो ज्यादातर पार्टी सांसदों और नेताओं ने इंदिरा का साथ दिया।साल 1971 के आम चुनाव में जीत हासिल कर के इंदिरा तीसरी बार देश की पीएम बनीं। जून 1975 से मार्च 1977 तक इंदिरा गांधी ने देश में आंतरिक आपातकाल लगा दिया। नतीजा ये हुआ कि 1977 के आम चुनाव में इंदिरा के नेतृत्व में कांग्रेस को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। लेकिन 1980 में हुए लोक सभा चुनाव में उन्होंने फिर से जीत हासिल की और चौथी बार देश की प्रधानमंत्री बनीं। 1984 में अमृतसर स्थित सिखों के पवित्र धर्म स्थल स्वर्ण मंदिर को आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले और उसके साथियों से आजाद कराने के लिए सेना भेजने का उनका निर्णय काफी विवादित रहा। इंदिरा गांधी के सिख अंगरक्षकों ने 31 अक्टूबर 1984 को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। इंदिरा संभवतः दुनिया की अकेली महिला नेता हैं जिसके पिता और बेटे दोनों ही देश के प्रधानमंत्री रहे। इंदिरा के पिता जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। वहीं उनके बेटे राजीव गांधी ने 1984 में अपनी माँ के निधन के बाद देश की बागडोर संभाली थी। Read More
देश की राजनीति में पीवी नरसिम्हा राव को हमेशा एक कद्दावर कांग्रेसी नेता के रूप में देखा जाता रहा है। देश के दसवें प्रधानमंत्री रहे चुके राव को देश में हुए बड़े आर्थिक बदलावों का जनक भी माना जाता है। राव गिनती के उन नेताओं में थे जिन्होंने आज़ादी के प ...
Blog M venkaiah naidu: आपातकालीन दिनों में मुझे कई कड़वे अनुभव हुए. विश्वविद्यालय के छात्न के रूप में मैंने अपने वरिष्ठों और छात्न-नेताओं के साथ सरकारी नीतियों का विरोध किया ...
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि एक परिवार के लिए संविधान का किस प्रकार से साधन के रूप में उपयोग किया जा सकता है, शायद ही ऐसा उदाहरण कहीं मिल सकता है। ...
वी.वी. गिरि राष्ट्रपति चुनाव में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में उतरे और बहुत कम वोटों के अंतर से राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत लिया। वो भी तब जब दूसरी वरीयता के मतों की गिनती करानी पड़ी। ...
इस परमाणु बम का वजन 1400 किलोग्राम था और इसकी क्षमता 12 किलोटन आँकी गई थी। पहले परीक्षण में परमाणु वैज्ञानिक राजा रमन्ना की मुख्य भूमिका अहम रही थी। ...