आज के दिन ही भारत बना था परमाणु शक्ति, इंदिरा गांधी के हौसले से P5 देश रह गए थे स्तब्ध

By पल्लवी कुमारी | Published: May 18, 2018 11:07 AM2018-05-18T11:07:28+5:302018-05-18T11:07:28+5:30

इस परमाणु बम का वजन 1400 किलोग्राम था और इसकी क्षमता 12 किलोटन आँकी गई थी। पहले परीक्षण में परमाणु वैज्ञानिक राजा रमन्ना की मुख्य भूमिका अहम रही थी।

Indias First Successful nuclear bomb test name Smiling Buddha Indira Gandhi on 18 may 1974 | आज के दिन ही भारत बना था परमाणु शक्ति, इंदिरा गांधी के हौसले से P5 देश रह गए थे स्तब्ध

आज के दिन ही भारत बना था परमाणु शक्ति, इंदिरा गांधी के हौसले से P5 देश रह गए थे स्तब्ध

नई दिल्ली, 18 मई: भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण पोखरण में 18 मई 1974  को किया था। यानी आज ही के दिन भारत ने दो तीन परमाणु विस्फोट कर पूरे विश्न में तहलका मचा दिया था। इस परमाणु परीक्षण के बाद अब भारत भी परमाणु शक्तियों में संपन्न हो गया था। परीक्षण के इन धमाको से सारा विश्व हैरान रह गया था।  इस ऑपरेशन का नाम स्माइलिंग बुद्धा (Smiling Buddha)था।  उस समय भारत की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी थी।  इस परीक्षण के साथ भारत छठा परमाणु क्षमता संपन्न देश बन गया था। 

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भारत के परमाणु शक्ति संपन्न होने की दिशा में कदम 1945 में ही शुरू हो गए थे, जब देश में होमी जहांगीर भाभा ने इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च की नींव रखी गई थी। लेकिन इस दिशा पर गंभीरता से काम तब से शुरू हुआ जब 1962 के भारत-चीन का युद्ध खत्म हुआ। इसके बाद इसके बाद 1964 में चीन ने परमाणु परीक्षण कर महाद्वीप में अपनी धौंसपंट्टी और भी तेज कर दी। चीन की ये नापाक हरकत भारत को काफी परेशान करने लगा। 

जिसके बाद सरकार में विचार-विमर्श कर भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र ने प्लूटोनियम व अन्य बम उपकरण विकसित करने की दिशा में गंभीरता से काम करना शुरू कर दिया। भारत ने 1972 में इसमें दक्षता हासिल की। 1974 में देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसके लिए हरी झंडी दिखाई। परमाणु परीक्षण के लिए राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित छोटे से शहर पोखरण के निकट का रेगिस्तान को चुना गया। जहां 18 मई 1974 को सफल पहला भूमिगत परमाणु परीक्षण किया गया। 

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इस परमाणु बम का वजन 1400 किलोग्राम था और इसकी क्षमता 12 किलोटन आँकी गई थी। पहले परीक्षण में परमाणु वैज्ञानिक राजा रमन्ना की मुख्य भूमिका रही। अमरीका ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी और कहा था कि यह 1968 के परमाणु अप्रसार संधि के प्रतिकूल है। अमरीका ने यह भी कहा कि इससे भारतीय महाद्वीप में हथियारों की होड़ बढ़ेगी। यह पहला मौका था जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों के अलावा किसी और देश ने परमाणु परीक्षण करने का साहस किया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पाँच स्थायी सदस्य (P5) देश अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, चीन और फ्रांस भी इंदिरा गांधी सरकार के इस फैसले स्तब्ध रह गये थे।

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Web Title: Indias First Successful nuclear bomb test name Smiling Buddha Indira Gandhi on 18 may 1974

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