बहुत सी बोलियों और भाषाओं वाले हमारे देश में आजादी के बाद भाषा को लेकर एक बड़ा सवाल आ खड़ा हुआ। आखिरकार 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया। इस दिन के महत्व को देखते हुए हर साल 14 सितंबर को 'हिंदी दिवस' मनाया जाता है। 1953 से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। Read More
हिंदी-दिवस को सार्थक बनाने के लिए अंग्रेजी के सार्वजनिक प्रयोग पर प्रतिबंध की जरूरत क्यों है? इसलिए नहीं कि हमें अंग्रेजी से नफरत है. कोई मूर्ख ही होगा जो किसी विदेशी भाषा या अंग्रेजी से नफरत करेगा. ...
हिंदी भाषा कतिपय राजनीतिक विद्वेष के चलते आज अपने ही भू भाग पर उपेक्षा की शिकार होती रही है, जबकि आज हिंदी अनिवार्य रूप से बाजार की भाषा बन चुकी है, लेकिन आज हिंदी का अपना बाजार सिकुड़ता जा रहा है। ...
भारत की स्वतंत्नता के 73 बरस तथा हिंदी को राजभाषा भाषा के रूप में स्वीकृति के 71 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी देश की न्याय व्यवस्था नागरिकों को स्वभाषा में न्याय नहीं उपलब्ध करा सकी है. लेकिन यह ध्यान रहे कि न्याय व्यवस्था का प्रश्न मात्न भाषा का नहीं ह ...
Hindi Diwas 2020: हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। इसे मनाने की शुरुआत 1953 में हुई थी। हिंदी भाषा भारत सहित दुनिया के कई अन्य देशों में भी बोली जाती है। ...
14 सितंबर 1953 को पहली बार देश में हिंदी दिवस मनाया गया था। हिंदी केवल हमारी मातृभाषा या राष्ट्रभाषा ही नहीं अपितु यह राष्ट्रीय अस्मिता और गौरव का प्रतीक है। ...
14 सितंबर का इतिहास: भारत की आजादी के बाद साल 1949 में आज के ही दिन हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया था। पहला हिंदी दिवस हालांकि, 14 सितंबर 1953 को मनाया गया। ...
दसवीं कक्षा में 18.3 प्रतिशत परीक्षार्थी और बारहवीं कक्षा में 11.3 प्रतिशत परीक्षार्थी हिंदी के परचे में फेल हो गए. और ऐसा कोई पहली बार नहीं हुआ. पिछले कई सालों से हिंदी की परीक्षा में छात्र-छात्रओं के नाकाम होने की संख्या बढ़ती जा रही है. ...
साल 2020 की 10वीं और 12वीं की परीक्षा में तकरीबन 59.6 लाख विद्यार्थियों ने भाग लिया. इनमें से करीब 8 लाख विद्यार्थी हिंदी की परीक्षा में फेल हो गए हैं. ...