केंद्र सरकार द्वारा हर साल जारी होने वाले 'आम बजट' में स्वास्थ्य बजट बेहद अहम है. देश की बढ़ती आबादी और तेजी से फैल रही बीमारियों को देखते हुए स्वास्थ्य बजट से लोगों को बहुत उम्मीद होती है. 2019-2020 वित्तीय वर्ष में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 62,659.12 करोड़ रुपये आवंटन हुए थे. स्वास्थ्य क्षेत्र का मानना है कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं पर कम खर्च करती है जिस वजह से इस क्षेत्र में सुधार नहीं हो पाता है। देश में अभी भी अस्पतालों की भारी कमी है। Read More
Budget 2022: एसोचैम ने कहा कि उसके सर्वेक्षण में 47 प्रतिशत लोगों ने उम्मीद जताई कि बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर सबसे अधिक ध्यान देंगी। ...
एनीमिया के दुष्परिणाम बहुत ज्यादा हैं. इससे शरीर में ऊर्जा की कमी होती है, उत्पादकता प्रभावित होती है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि रक्ताल्पता वाली महिलाओं से पैदा होने वाले बच्चे कुपोषित होते हैं. इसलिए कुपोषणमुक्त भारत का सपना तब तक साकार नहीं हो सक ...
हेल्थ कार्ड निश्चित रूप से अच्छा कदम है लेकिन सबसे बड़ा सवाल देश में स्वास्थ्य सुविधाओं का है. कोविड के दौरान हमने देखा कि स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा गईं. गांव तो उजड़े हुए थे. वहां कोविड जांच की सुविधा भी नहीं थी. ...
प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से इस बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य पहचान पत्न योजना की घोषणा की है। इसका अगर सही तरीके से पालन किया गया तो ये भारत में सामाजिक स्वास्थ्य की नई क्रांति साबिक हो सकेगी। ...