आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन गुरु का पूजन किया जाता है। समूचे भारतवर्ष में गुरु पूर्णिमा बड़ी श्रद्वा भक्ति से मनाई जाती है। सभी शिष्य अपने-अपने गुरु का पूजन करते हैं। चारों वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अर्थवेद के प्रथम प्रख्याता व पराशर ऋषि के पुत्र कृष्ण द्वैपायन का पूजन विशेष रूप से किया जाता है। वेदों का ज्ञान हमें व्यासजी से प्राप्त हुआ है, इसलिए वही आदिगुरु है। व्यासजी की स्मृति बनाए रखने के लिए हमें अपने अपने गुरु को व्यास जी का अंश मानकर श्रद्वा भक्ति से उनका पूजन करना चाहिए। Read More
गुरु पूर्णिमा का पर्व महर्षि वेदव्यास के जन्मदिवस के रूप में भी मनाया जाता है। उन्होंने चारों वेदों का संपादन किया था, इसलिए उन्हें 'व्यास भगवान' कहा गया। इसी कारण इस दिन को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है ...
गुरु पूर्णिमा का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। यह दिन विशेष रूप से महर्षि वेदव्यास को समर्पित होता है, जिन्होंने वेदों का संकलन किया था। इसलिए इसे 'व्यास पूर्णिमा' भी कहा जाता है। ...
Guru Purnima 2024 Date: गुरु पूर्णिमा पर्व 21 जुलाई 2024, रविवार के दिन मनाया जाएगा। इस विशेष दिन पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है जो सुबह 05:35 से शुरू हो रहा है। ...
Guru Purnima 2024: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन महान गाथा महाभारत के रचयिता वेद व्यास का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। ...
Guru Purnima 2024: गुरु पूर्णिमा रविवार, 21 जुलाई 2024 को मनाई जाएगी। यह दिन आषाढ़ महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है जो महर्षि वेद व्यास की जयंती भी है। यह जानने के लिए पढ़ें कि गुरु पूर्णिमा के दिन वेद व्यास की पूजा क्यों की जाती है। ...