उत्तराखंड के पौड़ी में 16 मार्च, 1958 को जन्में बिपिन रावत साल 1978 में सेना शामिल हुए थे। 8 दिसंबर 2021 को रावत का निधन हो गया। ऊंचाई पर जंग लड़ने सहित काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन (जवाबी कार्रवाई) में महारत रखने वाले जनरल बिपिन रावत के नेतृत्व में ही भारतीय सेना ने 29 सितंबर, 2016 में सीमा पार पाकिस्तानी क्षेत्र में बसे आतंकी शिविरों को ध्वस्त करने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक की थी। Read More
सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया, "रक्षा मंत्रालय सेना के करीब 10,000 करोड़ रु के प्रस्ताव को मंजूरी देने जा रहा है। इससे आकाश प्राइम की दो रेजिमेंट बनाई जाएंगी। यह सेना के पास पहले से मौजूद आकाश मिसाइल सिस्टम का उन्नत संस्करण है।" ...
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने आधी रात को ट्वीट करके भारतीय सेना प्रमुख के दावे पर निराशा जताते हुए कहा, ‘‘भारतीय सेना प्रमुख का यह बयान निराशाजनक है क्योंकि वह बहुत जिम्मेदारी वाले पद पर हैं।’’ ...
भारतीय सेना की गोलाबारी में चार से पांच आतंकवादियों के भी मारे जाने की खबर है और पाकिस्तान की तरफ भारी नुकसान हुआ है। जवाबी कार्रवाई ऐसे समय की गई जब शनिवार शाम पाकिस्तान की गोलीबारी में भारतीय सेना के दो जवान शहीद हो गए और एक आम नागरिक मारा गया। ...
एफएटीएफ ने पाकिस्तान के 27 लक्ष्यों में ज्यादातर को उसके पूरा करने में नाकाम रहने पर गंभीर चिंता जाहिर की। उसने पाकिस्तान से सख्त अनुरोध किया है कि वह फरवरी 2020 तक अपनी कार्य योजना को पूरा करे। ...
रावत ने रक्षा अताशे के चौथे सम्मेलन में यहां कहा, ‘‘हम केवल आकार के आधार पर ही नहीं, बल्कि हमारे वृहद लड़ाकू अनुभव, हमारी पेशेवर दक्षता’’ और अन्य गुणों के कारण दुनिया के अग्रणी सशस्त्र बलों में से एक हैं। ...
धनुष 155 एमएम 45 कैलीबर की आधुनिक आर्टिलरी गन है। इस आर्टिलरी गन में 81 प्रतिशत पुर्जे स्वदेशी हैं और हमारा लक्ष्य 91 प्रतिशत पुर्जे स्वदेशी करने का है। इस गन की मारक क्षमता 50 किलोमीटर तक है। यह 13 सेकेंड में तीन फायर कर सकती है और इसका निशाना इतना ...
पिछले कुछ दशकों में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की उपलब्धियों के लिए उसकी तारीफ की और कहा कि भारत अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में नये कीर्तिमान गढ़ रहा है। सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘हमें विश्वास है कि सेनाओं को इससे बहुत लाभ मिलेगा।’’ ...
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा, ‘‘अगर हम भविष्य के युद्धों की रूपरेखा की ओर देखें तो जरूरी नहीं कि ये आमने-सामने से लड़े जाएं। हमें साइबर क्षेत्र, अंतरिक्ष, लेजर, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और रोबोटिक्स के विकास के साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की ओर देख ...