पाकिस्तान और चीन चेत जाओ, आकाश मिसाइल से सीमा की निगरानी, हवा में उड़ रहे लक्ष्य को मारने में सक्षम
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 21, 2019 04:52 PM2019-10-21T16:52:33+5:302019-10-21T16:52:33+5:30
सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया, "रक्षा मंत्रालय सेना के करीब 10,000 करोड़ रु के प्रस्ताव को मंजूरी देने जा रहा है। इससे आकाश प्राइम की दो रेजिमेंट बनाई जाएंगी। यह सेना के पास पहले से मौजूद आकाश मिसाइल सिस्टम का उन्नत संस्करण है।"
रक्षा मंत्रालय ने फैसला किया है कि पाकिस्तान और चीन की ओर से हवाई घुसपैठ को रोकने लिए आकाश मिसाइल की तैनाती होगी। इस पर 10,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। रक्षा मंत्रालय ने फैसला लिया है।
आकाश मिसाइल सिस्टम हर स्थिति में कारगर साबित होनी वाली मध्यम रेंज की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। यह हवा में उड़ रहे लक्ष्यों को मार गिराने में सक्षम है। यह मिसाइल युद्धक विमान, क्रूज मिसाइल, हवा से जमीन में मार करने वाली मिसाइल और बैलास्टिक मिसाइलों को निशाना बना सकती है। इन मिसाइलों को 15, 000 फुट की ऊंचाई वाले इलाकों पर तैनात किया जा सकता है। इन्हें पाकिस्तान और चीन से लगती सीमाओं पर लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा।
सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया, "रक्षा मंत्रालय सेना के करीब 10,000 करोड़ रु के प्रस्ताव को मंजूरी देने जा रहा है। इससे आकाश प्राइम की दो रेजिमेंट बनाई जाएंगी। यह सेना के पास पहले से मौजूद आकाश मिसाइल सिस्टम का उन्नत संस्करण है।" सेना के प्रस्ताव पर रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में चर्चा होगी। इसकी बैठक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और थल सेनाध्यक्ष जनरल विपिन रावत के लद्दाख से लौटने के बाद बुलाई गई है।
आकाश मिसाइल प्रणाली को भारत में रक्षा अनुसंधान एवं विकास परिषद (डीआरडीओ) ने तैयार किया है। अब तक सेना में यह मिसाइल बहुत सफल रही है। सेना के पास इसकी दो रेजीमेंट पहले से मौजूद हैं। अब सेना नई आकाश प्राइम की दो और रेजिमेंट शामिल करना चाहती है।
सेना के लिए प्रस्तावित दोनों रेजीमेंट के लिए उपकरण सप्लाई करने का ठेका विदेशी फर्मों को दिया जाना है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत आकाश मिसाइल को तरजीह देने की बात कही। इसके बाद, सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने वायु सेना की सात स्क्वार्डन के लिए के लिए सतह से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल सिस्टम खरीदने को मंजूरी दी थी।
Defence Ministry to decide on Army's Rs 10,000 crore Akash missiles proposal for Pak, China border
— ANI Digital (@ani_digital) October 21, 2019
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भारत ने सोमवार को ओडिशा के चांदीपुर एकीकृत परीक्षण रेंज से आकाश-एमके-1ए प्रक्षेपास्त्र का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी। सतह से हवा में मार करने वाले इस विमानरोधी प्रक्षेपास्त्र की मारक क्षमता 25 किलोमीटर तक है और यह अपने साथ 60 किलो तक आयुध ले जाने में सक्षम है। इस प्रक्षेपास्त्र का 25 और 27 मई को परीक्षण किया गया। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ओडिशा के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से 25 और 27 मई को सफलतापूर्वक आकाश-एमके-1एस का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।”