स्वदेशी गन ‘धनुष’ सेना में शामिल, सटीक निशाना, दुश्मन को तबाह करने में सक्षम, 13 सेकेंड में तीन फायर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 16, 2019 07:41 PM2019-10-16T19:41:19+5:302019-10-16T19:41:19+5:30
धनुष 155 एमएम 45 कैलीबर की आधुनिक आर्टिलरी गन है। इस आर्टिलरी गन में 81 प्रतिशत पुर्जे स्वदेशी हैं और हमारा लक्ष्य 91 प्रतिशत पुर्जे स्वदेशी करने का है। इस गन की मारक क्षमता 50 किलोमीटर तक है। यह 13 सेकेंड में तीन फायर कर सकती है और इसका निशाना इतना अचूक है कि तीन फायर एक ठिकाने पर गिरेंगे।
देश में निर्मित पहली आर्टिलरी गन ‘धनुष’ को भारतीय सेना के बेड़े में शामिल कर लिया गया। जबलपुर की गन कैरेज फैक्टरी (जीसीएफ) में निर्मित धनुष गन सेना के सुपुर्द की गई।
धनुष 155 एमएम 45 कैलीबर की आधुनिक आर्टिलरी गन है। इस आर्टिलरी गन में 81 प्रतिशत पुर्जे स्वदेशी हैं और हमारा लक्ष्य 91 प्रतिशत पुर्जे स्वदेशी करने का है। इस गन की मारक क्षमता 50 किलोमीटर तक है। यह 13 सेकेंड में तीन फायर कर सकती है और इसका निशाना इतना अचूक है कि तीन फायर एक ठिकाने पर गिरेंगे।
Indian Army Sources: Army Commanders were also briefed about the induction of Made in India Dhanush artillery gun in the force and how it is going to enhance the firepower of the Indian Army in operations. https://t.co/VOv2mgijnZ
— ANI (@ANI) October 16, 2019
उन्होंने बताया कि आर्टिलरी गन का वजन 13 टन है और यह पहाड़, रेगिस्तान, बर्फ की पहाडिय़ों के साथ समतल स्थल पर एक समान रूप से कार्य करती है व यह पहाडिय़ों में 22 डिग्री तक बिना किसी सहयोग से चढ़ सकती है। दुर्गम रास्तों में भी आसानी से जा सकती है और माइनस 3 डिग्री से लेकर 70 डिग्री तक एलिवेशन कर सकती है।
उन्होंने इस बात से इंकार किया कि यह बोफोर्स का अपग्रेड वर्जन है। हालांकि बोफोर्स तथा धनुष के कुछ कार्य समान हैं। यह रात के समय भी अपने लक्ष्य पर निशाना लगा सकती है और इन गन के माध्यम से सामूहिक रूप से एक स्थान को निशाना बनाया जा सकता है।
जीसीएफ के 115 वर्षों के इतिहास में यह सबसे उल्लेखनीय सफलता है। भारतीय सेना ने कुल 414 गन की मांग की है। हमें तीन वर्षो में भारतीय सेना को 114 धनुष गन देनी है जबकि हमारा लक्ष्य प्रतिवर्ष 60 गन के निर्माण का है।
पाकिस्तान से जारी तनाव के बीच भारतीय सेना को नए हथियार मिले हैं। सेना के कमांडरों को बुधवार को इसकी जानकारी दी गई। इसके अलावा अमेरिका की ऐक्सकैलिबर आर्टिलरी एम्युनिशन भी सेना में शामिल हो गई है। ये सटीक निशाना लगाने और दुश्मन को तबाह करने में सक्षम है। ये बेहद घनी आबादी में भी दुश्मन के लक्ष्य को पूरी सटीकता से 50 किमी से भी ज्यादा दूरी से निशाना बना सकता है। सेना के फास्ट ट्रैक प्रक्रियाओं के तहत इसका अधिग्रहण किया गया था।
सेना को मिला अत्याधुनिक तोप धनुष
भारतीय सेना ने आयुध निर्माणी बोर्ड से छह 'धनुष' तोपों की पहली खेप प्राप्त की। इससे सेना की क्षमता में इजाफा हुआ है। अधिकारी ने बताया कि 155 मिमी गुणा 45 कैलिबर के इस अत्याधुनिक तोप प्रणाली को आयुध फैक्टरी ने सेना के साथ संयुक्त रूप से विकसित किया है।
उन्होंने बताया कि इस तोप में नवीनतम सुविधाएं जैसे कि इनर्शियल नैविगेशन सिस्टम, एक ऑन-बोर्ड बैलिस्टिक कंप्यूटर, डायरेक्ट डे और नाइट फायरिंग सिस्टम, लक्ष्य का पता लगाने वाली एक आधुनिक प्रणाली और एक संचार प्रणाली शामिल है । उन्होंने बताया कि 13 टन से कम वजन वाला और 400 मिमी के उच्च ग्राउंड क्लीयरेंस के साथ, 'धनुष' ‘सबसे कुशल तोप प्रणाली’ है और इसे किसी भी इलाके में तैनात किया जा सकता है।