भीमराव रामजी आंबेडकर का जन्म 1891 और मृत्यु 1956 में। डॉ बाबासाहब के नाम से विश्व में लोकप्रिय हुए। स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि और न्याय मंत्री बने। भारतीय संविधान के जनक और भारत गणराज्य के निर्माता थे। 1990 में बाबासाहेब को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से मरणोपरांत सम्मानित किया गया था। Read More
संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 के दिन भारत के संविधान को अंगीकृत किया था, जिसे हर साल संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस साल संविधान को अंगीकृत किए जाने की 70वीं वर्षगाठ है। ...
पार्टी ने घोषणा की है कि वह राज्य में सभी 288 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर ने एक बयान में कहा कि वीबीए वंचित और कमजोर समुदायों के प्रतिनिधियों को उतारेगी। ...
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष का यह दावा सच नहीं है कि भाजपा की संविधान को बदलने व नौकरियों एवं शिक्षा में आरक्षण की व्यवस्था खत्म करने की योजना है। उन्होंने कहा, ‘‘संविधान हमारे लिए भगवद गीता, बाइबल और कुरान है। जब अठावले जैसे नेता हमारे साथ हैं तो क ...
पुलिस ने इस झड़प के संबंध में दोनों गुटों के 58 लोगों को पकड़ा है। जांच जारी है और झड़प के जिम्मेदार लोगों की पहचान की जा रही है। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए 750 से अधिक पुलिसकर्मी शहर में तैनात किए गए हैं। ...
कश्मीर, मुसलमानों और भारत-विभाजन पर आंबेडकर के विचार उनकी प्रचलित सेक्यूलर और रैडिकल छवि से मेल नहीं खाते. कश्मीर पर उनकी राय थी कि उसका मुसलमान बहुल इलाका पाकिस्तान में चला जाना चाहिए, और बौद्ध (लद्दाख) व हिंंदू बहुल क्षेत्र भारत में रह जाना चाहिए. ...
डॉ भीमराव आंबेडकर भारत के पहले कानून मंत्री थे। उन्होंने 27 सितम्बर 1951 को जवाहरलाल नेहरू कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। अपने इस्तीफे के बाद डॉ आंबेडकर ने सदन में उसका कारण बताने के साथ ही देश के अहम मुद्दों पर अपनी राय से नेहरू सरकार को अवगत कराया ...
डॉ. आंबेडकर ने अपना पूरा जीवन शोषितों, वंचितों और दलितों के उत्थान में लगा दिया और जीवन भर उनके हक की लड़ाई लड़ते रहे। आरक्षण को लेकर लोगों में आपसी मतभेद हो सकता है पर बाबा साहेब की मेधा, प्रतिभा, व्यक्तित्व की गहराई, विपुल अध्ययन और दूरदर्शिता जैसे ...