आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
कानून के मुताबिक संघ शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पुडुचेरी की तरह ही विधानसभा होगी, जबकि लद्दाख चंडीगढ़ की तर्ज पर बिना विधानसभा वाला केंद्रशासित प्रदेश होगा। ...
कश्मीर यात्रा पर गए यूरोपीयन यूनियन के सांसदों जिनको इस यात्रा के लिए आमंत्रित किया गया था में से एक सांसद चेरिस डेविस ने आरोप लगाया कि उनका नाम कश्मीर जाने वाले सांसदों की सूची से इसलिए काट दिया क्योंकि उन्होंने स्वतंत्र रुप से लोगों से मिलने की इच् ...
गृह मंत्रालय ने बुधवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी। देर रात जारी अधिसूचना में, मंत्रालय के जम्मू-कश्मीर संभाग ने प्रदेश में केंद्रीय कानूनों को लागू करने समेत कई कदमों की घोषणा की। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्रशासित प्रदेशों की अगुवाई उपराज्य ...
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून, 2019 के अनुसार दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के लिए नियुक्ति का दिन 31 अक्टूबर होगा और ये केंद्र शासित प्रदेश आधी रात (बुधवार-गुरुवार) को अस्तित्व में आएंगे। ...
जानकारी के लिए बता दें कि कल से प्रशासन की बागडोर नए लेफ्टिनेंट गवर्नर (एलजी) जीसी मुर्मू संभालेंगे। राज्य के वर्तमान राज्यपाल सत्यपाल मलिक को भी केंद्र ने नई पारी की शुरुआत करने के लिए गोवा का राज्यपाल नियुक्त कर दिया है। ...
EU lawmakers J&K Visit: जम्मू-कश्मीर के हालात का जायजा लेने आए यूरोपियन यूनियन सांसदों के दल में शामिल लार्स पैट्रिक ने कहा है कि वे मुस्लिम विरोधी नहीं हैं ...