31 अक्टूबर साल 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनके ही दो सिख अंगरक्षकों ने गोली मार दी। इसके बाद पूरे देश में सिख विरोधी दंगों की आग फैल गई। इस आग ने तत्कालीन सिख राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह को भी नहीं बख्शा। इस दंगे में सिर्फ दिल्ली में लगभग 3000 सिख बेरहमी से मारे गए थे जबकि पूरे देश में दंगे में मारे गए सिखों का आंकड़ा लगभग 10 हजार था। Read More
1984 के सिख दंगों पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को आजीवन उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस दंगें में हजारों लोगों की मौत हुई थी। ...
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामले में सज्जन कुमार को दोषी ठहराते हुए उन्हें ताउम्र कैद की सजा सुनाई थी। इन दंगों में 2,700 से अधिक लोगों की जान गई थी। ...
सिख दंगे में चश्मदीद ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि उन्होंने कमलनाथ को घटना वाले दिन वहां देखा था। लेकिन सिख दंगों की जांच कर रहे नानावटी आयोग ने मध्य प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री कमलनाथ को सजा देने से इनकार कर दिया है। ...
गौरतलब है कि सिख विरोधी दंगों के 34 वर्ष बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि इसका षड्यंत्र उन लोगों ने रचा जिन्हें ‘‘राजनीतिक संरक्षण’’ प्राप्त था। ...