1984 सिख दंगा: पीड़िता निरप्रीत कौर का झलका दर्द-दंगाई चीख रहे थे, डूब मरो, तुमसे एक सरदार भी नहीं जलता

By स्वाति सिंह | Published: December 18, 2018 10:59 AM2018-12-18T10:59:57+5:302018-12-18T10:59:57+5:30

सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत का फैसला पलटते हुए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

Anti-Sikh riots: police gave matchbox for burning sikh, Sajjan kumar called us snakes says petitioner Nirpreet Kaur | 1984 सिख दंगा: पीड़िता निरप्रीत कौर का झलका दर्द-दंगाई चीख रहे थे, डूब मरो, तुमसे एक सरदार भी नहीं जलता

1984 सिख दंगा: पीड़िता निरप्रीत कौर का झलका दर्द-दंगाई चीख रहे थे, डूब मरो, तुमसे एक सरदार भी नहीं जलता

निरप्रीत कौर जब मात्र 16 साल की थी तब 1984 के सिख दंगों में उनके पिता को दंगाइयों ने मौत के घाट उतार दिया था। निरप्रीत कौर इस मामले की चश्मदीद रही हैं। उन्होंने बताया कि मुझे आज भी याद है जब एक पुलिस दंगाईयों के पास गया तो उन्होंने बात करते हुए सुना कि ''डूब मरो, तुमसे एक सरदार भी नहीं जलता''। 

बता दें कि 50 वर्षीय उन तीन मुख्य गवाहों में हैं। इन तीनों गवाहों के आधार पर ही कांग्रेस नेता सज्जन कुमार  को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।  खबरों कि मानें तो कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा था कि मुख्य गवाहों के साहस के कारण ही आरोपियों को न्याय के कटघरे में लाया जा सका है। वहीं, जगदीश कौर के पति, बेटा और उनके चचेरे भाई-बहन सहित सभी पांच लोगों को भीड़ ने मौत के घाट उतार दिया था। निरप्रीत कौर ने खुद अपनी आँखों से देखा था कि दंगाईयों ने उनके पिता को जिंदा जला दिया था। यह बात उन्होंने कोर्ट में कही। 

निरप्रीत कौर के पिता गुरूद्वारे के अध्यक्ष थे। उन्होंने कोर्ट को बताया '31 अक्टूबर और 1 नवंबर के बीच गुरूद्वारे में हर तरफ से भीड़ आई। उनके हाथ में हथियार थे। मेरे पिता ने बलवान खोखर और महेंद्र यादव के साथ स्कूटर पर गए, लेकिन उन्हें भिस ने पकड़ लिया।'

वहीं, 79 वर्षीय जदीश कौर ने बताया कि उनके पति, एक बेटे और तीन चचेरे भाई और बहनों को भीड़ ने मार दिया था, जदीश कौर ने कहा 'सज्जन कुमार इतने लंबे समय से बाहर हैं, इन्हें सजा मिलने के बाद मुझे रहत मिलेगी। सज्जन कुमार घटना के वक्त राजनगर में पुलिस गाड़ी में थे। तब उन्होंने कहा था कि सिख सांप के बच्चें हैं। हमें उन्हें मार देना चाहिए और जिंदा जला देना चाहिए। जदीश कौर ने बताया कि एक नवंबर को भीड़ ने मेरे पिता का सिर कुचल दिया और बेटा सड़क पर पड़ा रहा। कोई आया फिर मुझे और मेरे बेटे को दो घूंट पानी पिलाया, तब मेरे बेटे ने आखिरी सांस ली। 

बता दें कि सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत का फैसला पलटते हुए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

Web Title: Anti-Sikh riots: police gave matchbox for burning sikh, Sajjan kumar called us snakes says petitioner Nirpreet Kaur

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