1984 सिख दंगा: चश्मदीद ने लगाया था कमलनाथ पर गंभीर आरोप, नानावटी आयोग ने क्यों कहा-उन्हें आरोपी बनाना संभव नहीं
By स्वाति सिंह | Published: December 18, 2018 09:36 AM2018-12-18T09:36:34+5:302018-12-18T11:59:08+5:30
सिख दंगे में चश्मदीद ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि उन्होंने कमलनाथ को घटना वाले दिन वहां देखा था। लेकिन सिख दंगों की जांच कर रहे नानावटी आयोग ने मध्य प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री कमलनाथ को सजा देने से इनकार कर दिया है।
दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा सज्जन कुमार को सिख दंगे में दोषी पाए जानें के बाद अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ पर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, सिख दंगे में चश्मदीद ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि उन्होंने कमलनाथ को घटना वाले दिन वहां देखा था। लेकिन सिख दंगों की जांच कर रहे नानावटी आयोग ने मध्य प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री कमलनाथ को सजा देने से इनकार कर दिया है।
खबरों कि मानें तो वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ दो प्रत्यक्षदर्शी थे। लेकिन मामले की जांच कर रहे नानावटी आयोग ने कहा कि कमलनाथ ने किसी भीड़ को उकसाया था या वह गुरुद्वारा पर हमले में शामिल था इसको साबित करने के लिए 'बेहतर साक्ष्य उपस्थित नहीं है'। जिसके कारण इन्हें सजा देना संभव नहीं है।
बता दें कि खुद पर उठे सवालों का जवाब देते हुए कमलनाथ ने सोमवार को कहा, 'आज मैनें शपथ ली है, इससे पहले भी भी मैं कई बार शपथ ले चुका हूं, तब किसी ने कुछ नहीं कहा। मेरे खिलाफ कोई केस नहीं है, मेरे खिलाफ कोई एफआईआर या चार्जशीट भी नहीं है। मैं पार्टी दिल्ली का इंचार्ज भी रहा हूं।'
उन्होंने कहा, 'जब मैं कांग्रेस का महासचिव था, उस वक्त किसी ने भी इस मुद्दे को नहीं उठाया था। लेकिन आज जब सीएम बना तो इस मुद्दे को उठाया जा रहा है। इसके पीछे की राजनीति को आप सब बखूबी समझ सकते हैं।'
गौरतलब है कि सोमवार को कांग्रेस के सीनियर नेता सज्जन कुमार को दिल्ली हाई कोर्ट में सिख दंगों में दोषी पाया गया। कोर्ट ने सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।