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गोविंद सिंह डोटासरा होंगे राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष, सीएम गहलोत ने दी बधाई, जानिए क्या कहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 15, 2020 01:22 IST

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट में लिखा है कि राजस्थान पीसीसी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने के लिए गोविंद सिंह डोटासरा जी को बधाई। मुझे एचसीपी सोनिया जी और राहुल जी के मार्गदर्शन और सक्षम नेतृत्व में यकीन है। आप संगठन को मजबूत करेंगे और सभी को साथ लेकर चलेंगे। हम सभी सफलता की कामना करते हैं।

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ठळक मुद्देराजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि सचिन पायलट का जो रवैया रहा है 6 महीने से "आ बैल मुझे मार" जैसा रहा है।बैठक में ये प्रस्ताव भी पास किया गया कि सचिन पायलट और बैठक से गायब विधायकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।गोविंद सिंह डोटासरा ने इसके बाद पलटकर पीछे नहीं देखा और सियासत में आगे बढ़ते गए।

जयपुरः राजस्थान में राजनीति जारी है। मुख्यमंत्री निवास पर विधायकों की बैठक जारी है। इस बीच सचिन पायलट कर प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री सहित कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। 

गोविंद सिंह डोटासरा को राजस्थान का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। ये फैसला कांग्रेस के विधायक दल की बैठक में लिया गया। कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीव सिंह सुरजेवाला ने ये जानकारी दी है। इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी है।

गहलोत ने ट्वीट में लिखा है कि राजस्थान पीसीसी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने के लिए गोविंद सिंह डोटासरा जी को बधाई। मुझे एचसीपी सोनिया जी और राहुल जी के मार्गदर्शन और सक्षम नेतृत्व में यकीन है। आप संगठन को मजबूत करेंगे और सभी को साथ लेकर चलेंगे। हम सभी सफलता की कामना करते हैं।

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि सचिन पायलट का जो रवैया रहा है 6 महीने से "आ बैल मुझे मार" जैसा रहा है। रोज ट्वीट करना स्टेटमेंट देना। विधायकों के साथ मैंने कोई भेदभाव नहीं किया। खुशी किसी को नहीं है। पूरे प्रयास किए गए पर फिर भी देखा गया कि सौदे हो चुके हैं भाजपा के साथ नजदीकियां बढ़ चुकी हैं।

सचिन पायलट को राजस्थान के डिप्टी सीएम पद से हटा दिया गया है। दरअसल, सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक दल की बैठक में नहीं पहुंचे थे। बैठक में कांग्रेस और निर्दलीय कुल 102 विधायक पहुंचे और उन्होंने एकमत से मांग की थी कि सचिन पायलट और उनके समर्थकों को पार्टी से निकाल दिया जाए। बैठक में ये प्रस्ताव भी पास किया गया कि सचिन पायलट और बैठक से गायब विधायकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।

गोविंद सिंह डोटासरा ने छात्र राजनीति के बाद युवा कांग्रेस में सक्रिय होकर कार्य किया था। वे युवक कांग्रेस में विभिन्न पदों पर रहे। 2005 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लक्ष्मणगढ़ जिले (सीकर) पंचायत समिति सदस्य का चुनाव लड़ा। इस चुनाव में गोविंद सिंह विजय हुए और लक्ष्मणगढ़ पंचायत समिति के प्रधान भी चुने गए।

गोविंद सिंह डोटासरा ने इसके बाद पलटकर पीछे नहीं देखा और सियासत में आगे बढ़ते गए। डोटासरा के राजनीतिक जीवन में उनके राजनीतिक गुरु और कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष चौधरी नारायण सिंह का भी बड़ा योगदान रहा। डोटासरा लगातार सात साल तक सीकर के कांग्रेस जिला अध्यक्ष रहे हैं। इस तरह से संगठन की बेहतर समझ रखते हैं। लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट से वो लगातार तीन बार विधायक हैं।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार दोपहर यहां राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार दोपहर यहां राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद गहलोत राज्यपाल से मिलने पहुंचे। पार्टी सूत्रों के अनुसार, गहलोत मौजूदा राजनीतिक हालात के बारे में मिश्र को अवगत करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल में शीघ्र ही बदलाव संभव है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने बगावती रुख अपनाने वाले सचिन पायलट सहित तीन नेताओं को मंत्रिपदों से हटा दिया है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि बगावत करने वाले सचिन पायलट के हाथ में कुछ नहीं है और वे केवल भाजपा के हाथ में खेल रहे हैं। राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात करने के बाद गहलोत ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा मध्य प्रदेश के खेल को राजस्थान में भी दोहराना चाहती थी और 'यह सब' पिछले छह महीने से चल रहा था।

गहलोत ने कहा कि पायलट व उनके साथ गए अन्य मंत्रियों, विधायकों को मौका दिया गया, लेकिन वे न तो सोमवार को और न ही मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में आए। गहलोत ने कहा, “सचिन पायलट के हाथ में कुछ भी नहीं हैं। वह तो केवल भाजपा के हाथ में खेल रहे हैं ...जो रिसॉर्ट सहित बाकी सारे बंदोबस्त करने में जुटी है।”

उन्होंने कहा कि पिछले छह महीने से राज्य में विधायकों की खरीद फरोख्त के प्रयास चल रहे थे। पायलट सहित तीन मंत्रियों को उनके पदों से हटाए जाने के फैसले की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी ने मजबूर होकर यह फैसला किया है। गहलोत ने कहा, “आज के फैसले से कोई खुश नहीं है, न पार्टी, न आलाकमान।” गहलोत ने कहा कि उन्होंने किसी की पार्टी आलाकमान से शिकायत नहीं की।

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