Jallikattu 2020: जोर-शोर हुआ जलीकट्टू का आयोजन, तस्वीरों में देखें कैसे खेला जाता है ये खतरनाक खेल By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 16, 2020 10:45 AMOpen in App1 / 6उत्तर भारत में मकर संक्रांति और दक्षिण भारत में पोंगल का त्योहार मनाया जा रहा है। पोंगल चार दिनों तक चलने वाला त्योहार है जिसे तमिलनाडु में बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है।2 / 6इन सभी के बीच तमिलनाडु में पोंगल के उत्सव के दौरान जलीकट्टू खेल का भी आयोजन किया जाता है, जो बेहद खतरनाक है। इस पर रोक लगाने की भी बात होती रही है। सुप्रीम कोर्ट का भी आदेश इस संबंध में कुछ साल पहले आया था लेकिन तमिलनाडु के कई हिस्सों में ये आज भी आयोजित किया जाता है। 3 / 6यह दरअसल फुर्ती और ताकत का खेल है। इसकी तैयारी तमिलनाडु के ग्रामीण क्षेत्रों में कई महीने पहले से शुरू ह जाती है। 4 / 6 जली का अर्थ होता है 'सिक्का ' और कट्टू का मतलब है 'बंधा हुआ'। इस खेल के दौरान सांड़ के सींग में कपड़ा बांधा होता है। इस कपड़े में पुरस्कार की राशि बांधी जाती है। 5 / 6इसके बाद खेल शुरू करते हुए सांड़ को भीड़ में छोड़ दिया जाता है और युवक पुरस्कार राशि को हासिल करने के लिए सांड़ के कुबड़ को पकड़कर उसे काबू में करने की कोशिश करते हैं।6 / 6इस खेल में प्रतियोगी सांड के कुबड़ को तब तक पकड़े रखना होता है, जब तक कि वह वश में न आ जाये।खास बात ये है कि इस खेल के लिए सांड को एक साल से ज्यादा वक्त तक से तैयार किया जाता है। जलीकट्टू खेल के बाद कमजोर सांड़ों का उपयोग घरेलू कार्यों में लगा दिया जाता है जबकि मजबूत सांड का उपयोग गाय के साथ अच्छे नस्ल के प्रजनन के काम में लगाया जाता है। और पढ़ें Subscribe to Notifications