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ब्लड कैंसर के शुरुआती लक्षण, ऐसे करें शुरुआती स्टेज की पहचान

By संदीप दाहिमा | Published: January 25, 2021 1:20 PM

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सांस में कमी कुछ प्रकार के ल्यूकेमिया लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बाधित करते हैं। ये कोशिकाएं शरीर में सभी कोशिकाओं तक ऑक्सीजन ले जाने का काम करती हैं। जब लाल रक्त कोशिकाओं की कमी होती है, तो सांस की तकलीफ हो सकती है। (सांस की तकलीफ फेफड़ों के कैंसर का भी संकेत है। लेकिन इसके कई अन्य कारण भी हो सकते हैं।
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थकान और कमजोरी यह लक्षण खून की कमी एनीमिया का भी हो सकता है लेकिन आपको समय पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। खून में रेड ब्लड सेल्स की कमी के कारण शरीर में थकान और कमजोरी होने लगती है। बेहतर खानपान के बावजूद अगर आप हमेशा थकान महसूस करते हैं, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए।
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त्वचा पर गहरा निशान बनना कैंसर ट्रीटमेंट सेंटर ऑफ अमेरिका के अनुसार, त्वचा पर बिना वजह किसी गहरे निशान का बनना खतरे की घंटी है। इस तरह के निशान प्लेटलेट कम होने या रक्त के थक्के बनने की वजह से हो सकता है। ये निशान हाथ या पैर पर दिखाई दे सकते हैं।
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त्वचा पर छोटे धब्बे बनना शरीर के किसी हिस्से में छोटे गोल धब्बे बनना ब्लड कैंसर का संकेत हो सकता हैइन छोटे आकार के धब्बों में दर्द नहीं होता है। यह धब्बे प्लेटलेट काउंट कम होने की वजह से बन सकते हैं जो ब्लड कैंसर का का संकेत देते हैं।
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बेवजह खून का बहना मसूड़ों, आंत्र, फेफड़े, या सिर में चोट लगने, असामान्य नाक से खून बहना गंभीर समस्या है। ऐसा प्लेटलेट की कमी और थक्के की समस्याओं का संकेत हो सकता है, जो सीधे रूप से ल्यूकेमिया का संकेत हैं।
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ब्लड कैंसर के ये भी हैं कुछ संकेत इनके अलावा ब्लड कैंसर के संकेतों में मसूड़ों में सूजन या फैलाव होना, हमेशा पेट फूलना, पेट के ऊपरी हिस्से में बायीं ओर दर्द रहना, हमेशा बुखार रहना, रात में सोते समय पसीना आना, हमेशा सिरदर्द रहना, त्वचा का रंग बदलना, हड्डियों में दर्द रहना, लिम्फ नोड्स में सूजन, स्किन रैशेष, जल्दी से इन्फेक्शन की चपेट में आना आदि भी शामिल हैं।
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ब्लड कैंसर का इलाज कैंसर किसी भी प्रकार का हो, उसमें स्टेज अवश्य होती है, जैसे पहली, दूसरी और एडवांस स्टेज। ब्लड कैंसर और दूसरे बाकि कैंसर में यहां अंतर है। डॉक्टर के लिए यह जानना अहम चनौती होती है कि रोगी में बल्ड कैसे हुआ ? लेकिन तकनीक और आधुनिक चिकित्सा ने इसे मुमकिन बना दिया है। अब ऐसी दवाईयां आ गयी हैं जिससे इसकी शुरुआत की पहचान हो सकती है। यह पता लगाया जा सकता है कि कैंसर किस कोशिका से पनपा और इलाज के माध्यम से उस कोशिका को ही खत्म कर दिया जाता है और इसी आधुनिक चिकित्सा को कीमोथेरेपी कहते हैं ।
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