ज्यूरिख (स्विटजरलैंड): टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक, विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक के बाद भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने एक और इतिहास रच दिया है। 24 वर्षीय नीरज चोपड़ा ने गुरुवार को डायमंड लीग फाइनल का खिताब जीतकर ऐसा कारनामा करने वाले पहले भारतीय बन गए। नीरज चोपड़ा ने ज्यूरिख में डायमंड लीग फाइनल में 88.44 मीटर का थ्रो फेंका और खिताब जीतने में सफल रहे। यह थ्रो उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में फेंका।
डायमंड लीग फाइनल में नीरज की शुरुआत अच्छी नहीं थी। उन्होंने पहले प्रयास में फाउल कर दिया। इसके बाद लेकिन वे लय मैं लौट आए। अपने दूसरे ही प्रयास में नीरज चोपड़ा ने 88.44 मीटर दूर भाला फेंक सूची में शीर्ष स्थान हासिल कर लिया और यही उनके लिए विजयी थ्रो भी साबित हुआ। उन्होंने दूसरे के बाद तीसरे, चौथे, पांचवें और छठे प्रयास में क्रमश: 88.00 मीटर, 86.11 मीटर, 87.00 मीटर और 83.60 मीटर दूर भाला फेंका।
चेक गणराज्य के ओलंपिक रजत पदक विजेता जैकब वडलेज प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर रहे। उन्होंने 86.94 मीटर का अपना सर्वश्रेष्ठ थ्रो किया। यह थ्रो उन्होंने चौथे प्रयास में किया। जर्मनी के जूलियन वेबर 83.73 वर्ग मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ तीसरे स्थान पर रहे।
नीरज चोपड़ा का दमदार प्रदर्शन जारी
नीरज चोपड़ा अब ओलंपिक चैंपियन, विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता और डायमंड लीग चैंपियन बन गए हैं। ये सब उपलब्धि उन्होंने महज 13 महीने में हासिल किया है। उन्होंने पिछले साल 7 अगस्त को टोक्यो में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता था।
खास बात ये भी है कि इस सीजन में नीरज चोपड़ा ने छह बार 88 मीटर से ज्यादा का थ्रो फेंका है जिससे उनकी शानदार लय का पता चलता है। उनके नाम 89.94 मीटर का राष्ट्रीय रिकॉर्ड है, जो उन्होंने इसी सीजन में हासिल किया था।
बता दें कि डायमंड लीग फाइनल में चोपड़ा तीसरी बार हिस्सा ले रहे थे। वह 2017 और 2018 में क्रमश: सातवें और चौथे स्थान पर रहे थे। डायमंड लीग फाइनल को ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप के बाद सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगिता माना जाता है।
चोपड़ा को इस जीत के साथ एक डायमंड ट्रॉफी सहित 30,000 अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि से नवाजा गया। साथ ही वह हंगरी के बुडापेस्ट में 2023 में होने वाले विश्व चैम्पियनशिप के लिए भी क्वालिफाई कर चुके हैं। हरियाणा में पानीपत के रहने वाले चोपड़ा चोट के कारण बर्मिंघम में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भाग नहीं ले पाए थे।